वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में RuPay क्रेडिट कार्ड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से होने वाली लेनदेन की संख्या, वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि के मुकाबले दोगुनी हो गई है।
RuPay भारत की अपनी भुगतान प्रणाली है, जिसे सरकार द्वारा समर्थित नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 2012 में शुरू किया था। RuPay क्रेडिट कार्ड 2017 में लॉन्च किया गया था।
अक्टूबर तक, UPI के जरिए 63,825.8 करोड़ रुपये के 750 मिलियन से अधिक लेनदेन हुए थे। वित्त वर्ष 2024 में, UPI पर RuPay क्रेडिट कार्ड से 362.8 मिलियन लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि 33,439.24 करोड़ रुपये थी। इसलिए, वित्त वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में यह राशि दोगुनी हो गई है, और साल के अंत तक यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।
वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में 0.86 मिलियन लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि 134.67 करोड़ रुपये थी।
RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने का कार्यक्रम सितंबर 2022 में शुरू हुआ। अब यूजर्स अपने RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI ऐप से लिंक करके मर्चेंट भुगतान कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि यह कदम टियर-II और छोटे शहरों में वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इससे UPI यूजर्स को क्रेडिट सुविधा का भी लाभ मिलेगा।
UPI से जुड़े RuPay क्रेडिट कार्ड पर छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) और इंटरचेंज शुल्क शून्य रखा गया है। MDR वह शुल्क है जो भुगतान कंपनियां व्यापारियों से लेनदेन संसाधित करने के लिए लेती हैं।
UPI पर 2024 में अब तक 155.44 बिलियन लेनदेन हो चुके हैं।