विकसित भारत 2047 का स्वप्न केवल इमारतों और सड़कों का जाल फैलाना नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की सेहत, गरिमा और उन्हें उचित अवसर प्रदान कराने का भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र को लेकर विकास पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। यह कहना है प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का। उन्होंने बुधवार को विधानसभा में विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश के विजन डॉक्योमेंट को लेकर स्वास्थ्य, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग का विजन डॉक्यूमेंट साझा किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ही नहीं, हर क्षेत्र में हम यूपी को नंबर वन बनाएंगे।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से 2027-2030-2047 को लेकर सरकार की दृष्टि, उपलब्धियां, नीतिगत प्राथमिकताओं की कार्य योजना को प्रस्तुत करते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सदन को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत 2047 के संदर्भ में स्पष्ट किया है कि कम से कम सरकारी दखल, अधिकतम सुगमता और इस लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता स्वस्थ भारत से होकर जाता है। उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सभी के लिए बिना आर्थिक कष्ट, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं तथा रोकथाम, उन्मुख प्राथमिक देखभाल हमारी नीतियों की धुरी है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपए तक का कवर दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ने इस योजना में अग्रणी कार्य किया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अधोसंरचना मिशन, ईसंजीवनी में भी उत्तर प्रदेश बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि सात दिसंबर 2021 को गोरखपुर में एम्स का प्रधानमंत्री ने लोकार्पण किया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विशाल भूभाग के लिए यह शीर्ष चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बना है। जापानी इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण, टीकाकरण, निगरानी, परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बुनियादी सुविधाओं में भी प्रदेश में काफी इजाफा हुआ है।
डिजिटल को मिलेगा बढ़ावा
वर्ष 2027 तक के लक्ष्यों की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि हर परिवार तक उपचार सुरक्षा, पीएम जेएवाई में शत प्रतिशत पात्र परिवारों की ई केवाईसी, गोल्ड कार्ड वितरण, क्लेम टू केयर, राज्य स्तर पर फ्रॉड रिस्क मॉनेटरिंग और हेल्पलाइन का एकीकरण किया जाएगा। हेल्थ के क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा, सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में बायोमेडिकल लैब नेटवर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं का भी सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। टेली हेल्थ का गहन उपयोग, मेडिकल एजुकेशन का भी विस्तार किया जाएगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य चल रहा है।

वन अर्थ व वन हेल्थ का विजन
वर्ष 2030 के मापीय लक्ष्यों की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट, रोग नियंत्रण, मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा। 2047 के संकल्प पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसा राज्य देखना चाहते हैं, जो डिजिटल पब्लिक गुड्स आधारित राज्य हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन अर्थ वन हेल्थ विजन के अनुरूप मेडिकल टूरिज्म, फार्मा उत्पादन, बायोटेक इनोवेशन में यूपी की सक्रिय भूमिका रहेगी। जनभागीदारी और सुशासन पर जोर रहेगा। उन्होंने सदन के अपेक्षित सहयोग को लेकर भी चर्चा की।
80 हुई मेडिकल कॉलेजों की संख्या
डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2017 में 44 से बढ़ कर 80 हो गई है। इनमें 44 सरकारी क्षेत्र में ही हैं। प्रदेश में दो एम्स और लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 5250 हो गई है। पीपीपी के तहत भी 350 सीटें उपलब्ध हैं। 31 नर्सिंग कॉलेजों का निर्माण प्रारंभ हो गया है। प्रति लाख जनसंख्या पर बेड की संख्या 18.25 से बढ़कर 33.69 हो गई है। हेल्थ वर्कर प्रति दस हजार पर 13.23 से बढ़कर 35.71 हो गए हैं।
5.34 करोड़ के बने आयुष्मान कार्ड
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 5.34 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। 70.36 लाख का निःशुल्क उपचार हुआ है। इलाज पर 11,123 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना, संचारी रोगों के खिलाफ विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांवों से लेकर शहरों तक प्रदेश में व्यापक स्तर पर विकास कार्य हो रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी जबरदस्त परिवर्तन आया है।