वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में इन दिनों कमिश्नरेट पुलिस अभियान चलाकर धार्मिक स्थलों से तेज आवाज में बजने वाले लाउड स्पीकर को हटवाने की कार्रवाई में जुटी हुई है। पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने एक सप्ताह तक चलने वाले अभियान के तहत तीन दिनों में 200 से अधिक लाउड स्पीकर को हटवा चुकी है। पुलिस अधिकारी लाउड स्पीकर हटवाए जाने को लेकर जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दे रहे है, तो वही विपक्ष मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाए जाने की बात कह सरकार पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार तीन दिनों में 225 लाउड स्पीकर को हटवाया गया है और 50 डीजे को जब्त किया गया है।

कांग्रेस और सपा ने सरकार पर लगाया मुद्दों से भटकाने का आरोप, कार्रवाई को बताया ध्रुवीकरण का एजेंडा

वाराणसी के धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटाए जाने को लेकर सपा और कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार ध्रुवीकरण का एजेंडा सेट करके चल रही है। सरकार किसान, नौजवान और गरीबों के लिए काम नहीं कर पा रही है, ऐसे में लाउड स्पीकर को हटाकर ध्रुवीकरण की कार्रवाई जानबूझकर करवाया जा रहा है”।

वही समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार जनता को मुख्य मुद्दों से भटका रही है। नौजवान को रोजगार देने में सरकार विफल है, किसानों के लिए सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। जनता सरकार से सवाल न करे, इस लिए प्रदेश में बीजेपी सरकार के द्वारा कोई न कोई ऐसा काम किया जा रहा है, जिससे जनता अपने मुद्दों को भूल जाए और धार्मिक मुद्दों पर बहस बनाए रखे। जहां से लाउड स्पीकर हटाए जा रहे है, वहां रात 10 बजे के बाद कोई भी साउंड नहीं होता है। मस्जिद और मंदिरों से लाउड स्पीकर सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे धर्म के प्रति द्वेष पैदा करने और ध्रुवीकरण के लिए कार्रवाई किया जा रहा है”।

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