CII और KPMG इंडिया की एक साझा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत का रक्षा बजट 2047 तक ₹31.7 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, जो कि वित्त वर्ष 2025-26 के ₹6.81 लाख करोड़ के बजट से लगभग पाँच गुना अधिक होगा। रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू रक्षा उत्पादन भी छह गुना बढ़कर ₹8.8 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, जो फिलहाल ₹1.46 लाख करोड़ है।

नई दिल्ली में आयोजित CII वार्षिक बिजनेस समिट के दौरान जारी की गई इस रिपोर्ट का शीर्षक “आत्मनिर्भर, अग्रणी और अतुल्य भारत 2047” है। रिपोर्ट में यह भी अनुमान है कि भारत के रक्षा निर्यात 2047 तक ₹2.8 लाख करोड़ तक पहुंच सकते हैं, जो कि FY25 के ₹24,000 करोड़ से 12 गुना वृद्धि होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, अनुसंधान और विकास (R&D) पर खर्च वर्तमान रक्षा बजट का 4% से बढ़कर 8-10% तक हो सकता है, जबकि GDP के प्रतिशत के रूप में रक्षा व्यय 2% से बढ़कर 4-5% हो सकता है।

रिपोर्ट में आत्मनिर्भर भारत के रक्षा क्षेत्र को विकसित करने के लिए तीन अहम चरणों का उल्लेख किया गया है:

  • 2032 तक: रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना और विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम करते हुए घरेलू R&D और निर्माण को बढ़ावा देना।
  • 2038 तक: भारत को दुनिया के टॉप 5 रक्षा निर्यातक देशों में शामिल करना।
  • 2045 तक: अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना और इंडस्ट्री, शैक्षणिक संस्थानों और सरकार के बीच सहयोग को बढ़ाना।

रिपोर्ट की चुनौतियां:

रिपोर्ट के अनुसार, यदि इन लक्ष्यों को हासिल करना है तो बजट सीमाएं, लालफीताशाही, तकनीकी आयात पर निर्भरता, कुशल जनशक्ति की कमी और निजी क्षेत्र को पर्याप्त प्रोत्साहन की कमी जैसी चुनौतियों को दूर करना जरूरी है। इसके लिए सरकार को रणनीतिक नीति निर्माण, बजट वृद्धि, प्रक्रिया सरलीकरण और नवाचार को प्रोत्साहित करना होगा।

30 May 2025 | UP News | Uttar Pradesh Ki Taja Khabar | Samachar | CM Yogi | Akhilesh | Politics

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