Desk : वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) केंद्र सरकार की नई योजना से केंद्रीय और राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कम से कम 18 मिलियन छात्रों को दुनिया भर की शीर्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध पत्रों तक पहुंच मिलेगी।

एल्सेवियर और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस समेत करीब 30 प्रकाशकों ने इस योजना पर सरकार के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, योजना का पहला चरण 1 जनवरी 2025 से लागू होगा, जिसे पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।

यह पहली बार है जब सरकार ने STEM, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान और मानविकी के 30 सबसे बड़े प्रकाशकों के साथ सहमति व्यक्त की है।

प्रेस सूचना ब्यूरो की एक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रकाशकों की सूची में एल्सेवियर, टेलर एंड फ्रांसिस, बीएमजे जर्नल्स, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, सेज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस और प्रोजेक्ट म्यूज़ आदि शामिल हैं।

इससे पहले, केवल आईआईटी या विशिष्ट केंद्रीय विश्वविद्यालयों को ही इन पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त थी। ONOS के तहत, 451 राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय, 4,864 कॉलेज और 172 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान उन 6,380 उच्च शिक्षा और शोध संस्थानों में शामिल होंगे, जिन्हें उच्च-स्तरीय पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय कराडीकर ने कहा, “इससे पहले, आईआईटी या केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे संस्थान विशिष्ट विषयों से संबंधित पत्रिकाओं के एक छोटे समूह की सदस्यता लेते थे, लेकिन ओएनओएस के तहत सभी संस्थानों को 13,400 शोध पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।”

फिलहाल, ONOS योजना का पहला चरण केवल केंद्रीय और राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के लिए उपलब्ध है। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) अजय सूद ने कहा कि दूसरे चरण में निजी संस्थानों को भी शामिल किए जाने की संभावना है।

प्रोफेसर अजय सूद ने पीटीआई को बताया, “पहले चरण को अगले तीन वर्षों में क्रियान्वित किया जाएगा, जिससे पूरे भारत में सभी केंद्रीय और राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को पहुँच प्रदान की जाएगी। उसके बाद, हम इसे निजी संस्थानों तक विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं और अंततः तीसरे चरण में सभी सार्वजनिक संस्थानों में सभी निर्दिष्ट पहुँच बिंदुओं के माध्यम से सार्वभौमिक पहुँच को लक्षित करेंगे।”

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