लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती ने वक्फ कानून विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हाल ही में लोकसभा में हुई बहस का हवाला देते हुए उन्होंने विपक्ष के नेता की आलोचना की कि विपक्ष के आरोपों के बावजूद वे चुप रहे। उन्होंने इसे अनुचित बताया और कहा कि यह मुस्लिम समुदाय में बढ़ते गुस्से और गठबंधन में बेचैनी का कारण है।
1. वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लम्बी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इण्डिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक।
— Mayawati (@Mayawati) April 12, 2025
लोकसभा में वक्फ संशोधन पर चर्चा, विपक्ष की चुप्पी पर सवाल
बसपा प्रमुख मायावती ने वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा को लेकर विपक्षी दलों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस अहम मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी बेहद निराशाजनक है।
‘विपक्ष के आरोपों के बावजूद चुप रहना क्या उचित?’
मायावती ने पूछा कि जब विपक्ष खुद सरकार पर वक्फ कानून को लेकर आरोप लगा रहा है, तब फिर इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों? उन्होंने इसे मुस्लिम समाज के बीच स्वाभाविक आक्रोश का कारण बताया।
INDIA गठबंधन और अल्पसंख्यकों में बेचैनी
मायावती का कहना है कि INDIA गठबंधन में भी इस मुद्दे को लेकर बेचैनी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज के कल्याण और अधिकारों को निष्क्रिय बनाकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने समान रूप से नुकसान पहुंचाया है।
‘अल्पसंख्यकों को कांग्रेस और BJP के छलावे से सतर्क रहना चाहिए’
बसपा प्रमुख ने अल्पसंख्यकों को आगाह किया कि वे कांग्रेस और बीजेपी के छलावे से सावधान रहें और अपने अधिकारों के लिए सचेत रहें।