नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण के कुछ हिस्सों को अध्यक्ष के आदेश से संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया।
हटाए गए अंशों में हिंदुओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-भाजपा-आरएसएस आदि पर उनकी टिप्पणियां शामिल हैं।
राहुल गांधी लोकसभा में अपने भाषण की शुरुआत भाजपा के ‘जय श्री राम’ के नारे के बीच ‘जय संविधान’ के नारे से की। इस बात पर जोर देते हुए कि हिंदू धर्म का मतलब डर, नफरत और झूठ फैलाना नहीं है, गांधी ने हिंदू मूल्यों की व्याख्या के लिए भाजपा की आलोचना की।
भगवान शिव, गुरु नानक और ईसा मसीह की तस्वीरें दिखाते हुए उन्होंने हिंदू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्मों का उल्लेख करते हुए निर्भयता के महत्व को रेखांकित किया।

‘बीजेपी संपूर्ण हिंदू समुदाय नहीं है’, राहुल गांधी ने लोकसभा में भगवा पार्टी पर निशाना साधा

जब सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका विरोध किया तो राहुल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए और सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए या उससे डरना नहीं चाहिए।”
जब प्रधानमंत्री ने हस्तक्षेप किया तो राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा, आरएसएस या मोदी हिंदू धर्म के संरक्षक नहीं हैं।
राहुल ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहा कि “परमात्मा सीधे मोदीजी की आत्मा से बात करते हैं।”
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की एक और टिप्पणी पर कटाक्ष किया कि कैसे एक फिल्म ने महात्मा गांधी को पुनर्जीवित कर दिया। राहुल ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की अज्ञानता बताया और कहा कि राष्ट्रपिता हमेशा जीवित थे।
अपने समापन भाषण में राहुल ने सत्तारूढ़ पार्टी से कहा कि वह डर या नफरत न फैलाए। उन्होंने कहा, “विपक्ष को अपना दुश्मन न समझें। आप जो भी चाहें, हम उस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आइए हम देश को आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करें।”

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