ब्रिटेन की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। ह्यूमन राइट बैरिस्टर से लेबर पार्टी के नेता बने कीर स्टार्मर ने अपनी पार्टी को भारी जीत दिलाकर 14 साल से सत्ता में मौजूद कंजरवेटिव पार्टी का राज खत्म कर दिया है।

स्टार्मर ने अपने कैंपेन के दौरान न सिर्फ देश के लिए बल्कि प्रवासी भारतीयों के साथ लेबर पार्टी के रिश्तों के नए दौर की शुरूआत का वादा किया था। इसका मकसद भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट समेत नई स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाना भी है।

स्ट्रैटजिक एक्सपर्ट राहुल रॉय चौधरी ने बताया कि ब्रिटेन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। 14 साल बाद, लेबर पार्टी फिर से सरकार में आई है। मुझे लगता है कि लेबर सरकार अब ज़्यादा बोल्ड और ज़्यादा आत्मविश्वास से भरी होगी। उसे मिली भारी जीत इस बात का सबूत है कि ब्रिटेन की जनता बदलाव चाहती थी, उसने बदलाव चाहा। इसलिए मुझे लगता है कि हम जो लेबर सरकार देखने जा रहे हैं, उसकी प्राथमिकताएं मुख्य रूप से देश से जुड़ी होंगी।”

लेबर पार्टी के 2024 के चुनावी घोषणापत्र में सुरक्षा, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और क्लाइमेट चेंज आदि क्षेत्रों में तालमेल बेहतर बनाने पर जोर दिया गया था। पिछले हफ्ते इलेक्शन कैंपेन के दौरान किंग्सबरी में श्री स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन के दौरान स्टार्मर ने कहा था कि “ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है।”

ये वो संदेश है जिसे स्टार्मर पिछले कुछ साल से दिवाली और होली के त्योहारों के दौरान दोहराते रहे हैं। ये बताता है कि 14 साल तक विपक्ष में रहने के बाद लेबर पार्टी सत्ता संभालने के लिए तैयार है।

हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा, मुझे लगता है कि ये फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का बहुत बड़ा मौका है। मुझे लगता है कि मैंने कुछ दिन पहले ही इंडिया ग्लोबल फोरम में डेविड लैमी के साथ लेबर पार्टी के सबसे ऊंचे लेवल पर ये बात सुनी है, जहाँ उन्होंने ये साफ कर दिया था कि वे भारत को लेकर कितने गंभीर हैं, कैसे भारत उनके और लेबर सरकार के लिए टॉप प्रायॉरिटी है, और कैसे इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को पूरा किया जाना चाहिए। ज्यादातर मुद्दों पर बातचीत पूरी हो चुकी हैं। 14 दौर की बातचीत उन आखिरी कुछ मुद्दों पर ही सीमित थीं, जिन पर विचार किया जाना था, जिनमें, इमिग्रेशन भी शामिल है, जो एक ऐसा एरिया है जिसके बारे में कंजरवेटिव पार्टी का नजरिया विरोधी था, जिसमें खुद ऋषि सुनक भी शामिल थे, जो अब बदल सकता है।

स्टार्मर ने पिछले साल इंडिया ग्लोबल फोरम में भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों को लेकर अपनी पार्टी का नजरिया पेश किया था। तब उन्होंने ऐलान किया था कि “ये बदली हुई लेबर पार्टी है”।

लेबर पार्टी की लीडरशिप में ब्रिटेन में एक नया चैप्टर शुरू होने जा रहा है। ऐसे में भारत और ब्रिटेन के रिश्तों पर इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है।

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