उच्च पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए सीधी भर्ती के मामले में सियासत तेज हो गई है। जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसका खुला विरोध किया है। वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी लेटरल एंट्री भर्ती मामले का मुखर होकर विरोध किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इसके जरिए सरकार खुलेआम आरक्षण छीन रही है।
नरेंद्र मोदी संविधान पर कर रहे हमला
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लेटरल एंट्री पर सरकार का विरोध किया है। इस दौरान उन्होंने लिखा कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह RSS के जरिए लोक सेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्त्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैंने हमेशा से कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री के जरिए उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।
INDIA मजबूती से करेगा विरोध
राहुल गांधी ने कहा कि चंद कॉरपोरेट्स के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जोकि निजी क्षेत्र से आने वालों के पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा। राहुल गांधी ने अंत में कहा कि IAS का निजीकरण, आरक्षण खत्म करने की मोदी की गारंटी है।