गर्मी के मौसम में बाजार में दिखने वाली लीची स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषण से भरपूर फल भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका ज़्यादा सेवन आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है? चलिए जानते हैं लीची की तासीर और इसके शरीर पर पड़ने वाले असर के बारे में।
लीची की तासीर कैसी होती है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार लीची की तासीर गर्म होती है। इसलिए पारंपरिक तौर पर इसे खाने से पहले पानी में भिगोने की सलाह दी जाती है ताकि उसकी गर्मी कुछ हद तक कम हो जाए। बिना भिगोई लीची का ज़्यादा सेवन आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
लीची के फायदे
- इम्यूनिटी बूस्टर: लीची में भरपूर मात्रा में विटामिन C होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- दिल की सेहत: इसमें मौजूद पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
- लिवर के लिए फायदेमंद: लीची लिवर को डिटॉक्स करने में भी कारगर मानी जाती है।
- एंटी-कैंसर गुण: इसमें पाए जाने वाले तत्व कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक हो सकते हैं।
कितनी लीची खानी चाहिए?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो दिन में अधिकतम 8 लीची खानी चाहिए। इससे ज़्यादा मात्रा में लीची का सेवन करने से गट हेल्थ खराब हो सकती है, और पेट दर्द, गैस, डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ध्यान रखें
- लीची को भिगोकर ही खाएं।
- बच्चों को खाली पेट लीची बिलकुल न दें, इससे हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थिति बन सकती है।
- किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या में डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
मीठी और रसदार लीची अगर सही मात्रा और तरीके से खाई जाए तो यह सेहत के लिए फायदेमंद है। लेकिन इसकी गर्म तासीर को ध्यान में रखते हुए सावधानी जरूरी है।