DRDO, Ladakh Missile Test: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित अत्याधुनिक ‘आकाश प्राइम’ मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में किया गया। इस परीक्षण में भारतीय सेना और डीआरडीओ की संयुक्त टीम ने दो हाई-स्पीड अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (UAV) को सफलतापूर्वक मार गिराया। यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीकों में एक नया अध्याय जोड़ती है।
क्या है ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम?
‘आकाश’ एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो लगभग 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। इसके विभिन्न संस्करण जैसे कि Akash Mark-1, Akash 1S और Akash NG पहले से ही भारत की सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं। यह मिसाइल 60 किलो वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकती है। इसकी गति 2.5 से 3.5 मैक (मच) तक होती है और इसमें मिड-कोर्स करेक्शन की भी क्षमता है।
‘आकाश प्राइम’ की खासियतें
‘आकाश प्राइम’ विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें स्वदेशी रूप से विकसित एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर लगाया गया है, जो हर मौसम और मुश्किल इलाकों में भी सटीक निशाना लगाने की क्षमता प्रदान करता है। यह परीक्षण 4,500 मीटर की ऊंचाई पर किया गया और दो दिन तक चला।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, “ऑपरेशनल फीडबैक के आधार पर आकाश प्राइम को और अधिक उन्नत किया जाएगा जिससे इसकी प्रभावशीलता और बढ़ाई जा सके। यह परीक्षण भारत की एयर डिफेंस क्षमताओं को और मजबूत करता है।”
भारत की रणनीतिक ताकत में इजाफा
‘आकाश एनजी’ मिसाइल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अपनी क्षमताओं का परिचय पहले ही दे दिया था। अब ‘आकाश प्राइम’ की सफलता से भारत की हवाई सुरक्षा विशेष रूप से ऊंचे और संवेदनशील इलाकों में और मजबूत हो गई है। यह प्रणाली भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्षेत्रीय सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी।
भारत अब इस मिसाइल प्रणाली को अन्य देशों को भी निर्यात कर रहा है, जिसमें अर्मेनिया पहला देश बना है। इससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में साख भी मजबूत हुई है।