Ladakh Youth Revolution. लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षक सोनम वांगचुक ने बुधवार को अपनी 15 दिन की भूख हड़ताल समाप्त कर दी। उनका यह कदम उस समय आया जब लेह में हिंसक प्रदर्शन और तोड़-फोड़ की घटनाएं हुईं, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।

युवा पीढ़ी से अपील

सोनम वांगचुक ने कहा लेह में हुई हिंसा देखकर मुझे बहुत दुख हुआ है। यह सिर्फ कुछ समर्थकों की हिंसा नहीं थी, बल्कि पूरे लद्दाख की भावनाओं का परिणाम था। यह युवा पीढ़ी का ‘भड़ास’ था, एक जनरेशन-जेड रिवोल्यूशन था जो सड़कों पर उतरा। उन्होंने आगे कहा कि आज लद्दाख में कोई लोकतांत्रिक मंच नहीं है, और उन्होंने लद्दाख की युवा पीढ़ी से शांति के रास्ते पर चलने की अपील की। वांगचुक ने चेतावनी दी कि अगर युवा हिंसा का रास्ता अपनाएंगे तो उनकी पिछले पांच सालों की कोशिशें नाकाम हो जाएंगी।

शांति का संदेश

सोनम वांगचुक ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार ने शांति का संदेश दिया है, और इसे अनसुना नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि युवा पीढ़ी को शांति के रास्ते पर चलना होगा ताकि आंदोलन का उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़े और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने की मांग पूरी हो सके।

वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल खत्म करते हुए यह भी कहा कि यह आंदोलन अब और अधिक संगठित और शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेगा, ताकि युवाओं का जो गुस्सा है, उसे सही दिशा में मोड़ा जा सके।

Azam Khan News : आज़म खान से मिलने पहुंचे लोग उनके लिए क्या बोले सुनिए !

शेयर करना
Exit mobile version