उत्तर प्रदेश के लघु सिंचाई विभाग में मंगलवार को 88 इंजिनियरों का तबादला किया गया। इस प्रक्रिया में कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों सहित लंबे समय से एक ही जिले में तैनात कई इंजिनियरों को स्थानांतरित किया गया है। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की उपस्थिति में यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि तबादले में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
इस प्रक्रिया के तहत 7 अधिशासी अभियंता, 7 एक्सियन, 21 सहायक अभियंता और 60 जूनियर इंजिनियरों का तबादला किया गया है। इन इंजिनियरों को उनकी मनचाही तैनाती दी गई, ताकि वे अपने कार्यों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें और विभागीय योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कर सकें। जलशक्ति मंत्री ने इंजिनियरों को उनके नए स्थानों पर तैनाती की बधाई दी और इस दौरान यह भी चेतावनी दी कि जनहित के कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
“किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी”
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, “यह सुनिश्चित किया गया है कि इंजिनियरों को उनकी पसंद के स्थानों पर तैनाती मिले, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकें। लेकिन यदि कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता या शिकायत आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।” यह तबादला प्रक्रिया जल निगम सभागार में पारदर्शी तरीके से चली, जिसमें इंजिनियरों को खुद इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा बनने का मौका दिया गया।
संघ के पदाधिकारियों के भी हुए तबादले
तबादले के दौरान कई कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का भी स्थानांतरण किया गया। ये अधिकारी लंबे समय से एक ही जिले में तैनात थे। सरकार का यह कदम विभाग में पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
इस प्रक्रिया को लेकर विभाग के भीतर और बाहर दोनों ही ओर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, और उम्मीद की जा रही है कि यह कदम विभागीय कार्यों में और अधिक सुधार करेगा।