लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और घोषी से सांसद राजीव राय ने प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर की प्रक्रिया पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि बिना अभिभावकों की सहमति के स्कूलों को बंद कर अन्य स्कूलों में मर्ज करना चिंताजनक है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच पर बुरा असर पड़ सकता है.
अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र
सपा सांसद ने इस मुद्दे को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार को पत्र भी लिखा है. पत्र में उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर अन्य विद्यालयों में मर्ज (पेयरिंग) किया जा रहा है. यह प्रक्रिया उनके संसदीय क्षेत्र घोषी में भी चल रही है. उन्होंने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और अभिभावकों की सहमति पर आधारित बनाने की मांग की है.
महानिदेशक से चर्चा का दिया हवाला
सांसद ने पत्र में उल्लेख किया कि उन्होंने 1 जुलाई को इस मामले को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से बात की थी. इस चर्चा में महानिदेशक ने स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया था कि विद्यालयों को बंद करने या मर्ज करने से पहले संबंधित स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों से सहमति पत्र लेना अनिवार्य है. घोषी सांसद ने इस आश्वासन का पालन सुनिश्चित करने की मांग की है.
शिक्षा पर प्रभाव की जताई चिंता
राजीव राय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालय बच्चों की शिक्षा की नींव हैं. बिना सोच-विचार और अभिभावकों की सहमति के मर्जर से बच्चों को स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है, जिससे विशेष रूप से गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है. उन्होंने सरकार से इस नीति पर पुनर्विचार करने और स्थानीय समुदायों की राय को प्राथमिकता देने की अपील की.
अपर मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग
सपा सांसद ने अपर मुख्य सचिव से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और मर्जर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि अभिभावकों की सहमति के बिना मर्जर की प्रक्रिया आगे बढ़ी, तो वह इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे.