मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन किया और इसके शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की अद्वितीय शौर्यगाथाओं और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामुद्रिक ताकत का जीवंत प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समुद्र भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परंपरा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। यह संग्रहालय उसी परंपरा को जन-जन तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
संग्रहालय का स्वरूप एक जहाज के रूप में होगा, जिसमें नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों का सम्मिलन होगा। इसके डिज़ाइन में जहाज की रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियाँ और अन्य नौसेना-संबंधित तत्व शामिल होंगे। संग्रहालय परिसर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, ओपन एयर मेमोरियल, प्रदर्शनी गैलरी, लाइट-एंड-साउंड एरिना और फाउंटेन जैसी सुविधाएँ होंगी, जो दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संग्रहालय में दर्शकों के लिए केवल देखने की चीजें नहीं, बल्कि एक अनुभवात्मक केंद्र होना चाहिए, जहाँ लोग इतिहास को महसूस कर सकें। इसके लिए डिजिटल, इंटरएक्टिव और इमर्सिव तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे लोग नौसेना के अभियानों और युद्धों का अनुभव कर सकें।
संग्रहालय का एक प्रमुख आकर्षण ‘आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक’ होगा, जो स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट ‘आईएनएस गोमती (F-21)’ को प्रदर्शित करेगा, जिसने भारतीय नौसेना में 34 वर्षों तक सेवा दी। इसके अलावा, ‘नौसेना शौर्य वाटिका’ में टीयू-142 विमान और सी किंग एसके-42बी हेलीकॉप्टर की प्रदर्शनी भी स्थापित की जाएगी। इस वाटिका का उद्देश्य युवाओं को नौसेना की आधुनिक तकनीक और अभियानों से जोड़ना है।
संग्रहालय परिसर में 7D थिएटर, वॉरशिप सिम्युलेटर, एयरक्राफ्ट कैरियर लैंडिंग सिम्युलेटर, डिजिटल वाटर स्क्रीन शो, मरीन लाइफ एक्वेरियम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ भी होंगी। इसके अलावा, ‘ड्रेस लाइक योर हीरोज़’ जैसी सहभागितापरक गतिविधियाँ भी प्रस्तावित हैं, जो लोगों को नौसेना के वीरता पुरस्कारों और अभियानों के बारे में जानकारी देंगी।
इस परियोजना की निगरानी के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें पर्यटन विभाग, मेरिटाइम हेरिटेज सोसाइटी और नौसेना विशेषज्ञ शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय उत्तर प्रदेश को एक नया पर्यटन स्थल देगा और राज्य को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक गौरवपूर्ण स्थान दिलवाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को समुद्री गौरव की चेतना के पुनर्जागरण के रूप में देखा, जो भारत की तटीय व्यापार और हिंद महासागर की सांस्कृतिक कड़ी को फिर से जीवित करेगा। यह संग्रहालय न केवल भारतीय नौसेना की वीरता का प्रतीक बनेगा, बल्कि भारत की समुद्री आत्मा का भी संवाहक होगा।



