लखनऊ- लखनऊ के मशहूर रेस्टोरेंट अर्बन स्मोकी कैफ़े ने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो पर गंभीर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। रेस्टोरेंट के मैनेजर आलोक शुक्ला ने दावा किया है कि ज़ोमैटो ने उनके द्वारा पूरे किए गए ऑर्डरों का 100% पेमेंट “इनवेस्टमेंट एंड ग्रोथ सर्विस” और “मिसलेनियस डिडक्शन” के नाम पर काट लिया, जिससे रेस्टोरेंट को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। यह मामला ज़ोमैटो की पेमेंट नीतियों और छोटे व्यवसायों के साथ उनके व्यवहार पर सवाल खड़े करता है।
आलोक शुक्ला की आपबीती हज़रतगंज में स्थित अर्बन स्मोकी कैफ़े के मैनेजर आलोक शुक्ला ने बताया कि पिछले दो महीनों में रेस्टोरेंट ने ज़ोमैटो के ज़रिए आए ऑर्डर समय पर और पूरी गुणवत्ता के साथ डिलीवर किए। लेकिन जब पेमेंट का समय आया, तो उनके खाते में एक भी पैसा नहीं पहुंचा। आलोक ने गुस्से में कहा, “हमने हर ऑर्डर को मेहनत और लगन से पूरा किया, लेकिन ज़ोमैटो ने हमारी पूरी कमाई को अस्पष्ट शुल्कों के नाम पर काट लिया। ‘इनवेस्टमेंट एंड ग्रोथ सर्विस’ और ‘मिसलेनियस डिडक्शन’ जैसे नामों का कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया। यह हमारे रेस्टोरेंट के साथ सरासर धोखा है।”
ज़ोमैटो की पेमेंट नीतियां: पारदर्शिता पर सवाल ज़ोमैटो की नीतियों के तहत रेस्टोरेंट्स को प्रति ऑर्डर 20-30% कमीशन देना पड़ता है। इसके अलावा, कंपनी विज्ञापन शुल्क, प्रोमोशनल सर्विस चार्ज और टेक्नोलॉजी फी जैसे अतिरिक्त शुल्क भी वसूलती है। आलोक शुक्ला ने बताया कि ज़ोमैटो ने बिना पूर्व सूचना या सहमति के अर्बन स्मोकी कैफ़े की कमाई को “इनवेस्टमेंट एंड ग्रोथ सर्विस” के तहत काट लिया, जिसका कोई ठोस आधार या ब्रेकअप नहीं दिया गया।

आलोक ने कहा, “ज़ोमैटो का पेमेंट पोर्टल दिखाता है कि हमारी कमाई शून्य हो गई है, लेकिन यह कैसे हुआ, इसका कोई जवाब नहीं। हमने कस्टमर केयर से कई बार संपर्क किया, लेकिन हर बार टाल-मटोल भरे जवाब मिले। यह छोटे रेस्टोरेंट्स के लिए लूट की नीति है।”
ज़ोमैटो की नीतियों का विवादास्पद इतिहास : ज़ोमैटो पर पहले भी अस्पष्ट शुल्क और अनुचित नीतियों के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में बेंगलुरु में एक ग्राहक ने ज़ोमैटो पर “रेन सरचार्ज” लगाने की शिकायत की थी, जबकि मौसम साफ था। इसके अलावा, कई रेस्टोरेंट्स ने ज़ोमैटो पर अनधिकृत डिस्काउंट ऑफर चलाने और इसके लिए रेस्टोरेंट्स से पैसे काटने का आरोप लगाया है।
अर्बन स्मोकी कैफ़े का यह ताजा मामला ज़ोमैटो की नीतियों में पारदर्शिता की कमी को और उजागर करता है।
रेस्टोरेंट की मांग अर्बन स्मोकी कैफ़े के मैनेजर आलोक शुक्ला ने ज़ोमैटो से अपनी पेमेंट नीतियों में पूर्ण पारदर्शिता और बकाया भुगतान तुरंत जारी करने की मांग की है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और उपभोक्ता संरक्षण फोरम से भी इस मामले की जांच की अपील की है।
आलोक ने कहा, “हम दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि ग्राहकों को बेहतरीन खाना मिले, लेकिन ज़ोमैटो जैसी कंपनियां हमारी कमाई लूट रही हैं। यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
ज़ोमैटो की ओर से चुप्पी : ज़ोमैटो ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कंपनी ने पहले ऐसे मामलों में दावा किया था कि उनकी नीतियां पारदर्शी हैं और रेस्टोरेंट्स को पेमेंट पोर्टल पर सभी शुल्कों की जानकारी दी जाती है। लेकिन अर्बन स्मोकी कैफ़े जैसे रेस्टोरेंट्स का कहना है कि ज़ोमैटो का पेमेंट सिस्टम जटिल और एकतरफा है, जिससे छोटे व्यवसायों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
आगे की राह : लखनऊ के रेस्टोरेंट मालिक और मैनेजर अब ज़ोमैटो के खिलाफ सामूहिक रूप से कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं। यह मामला न केवल ज़ोमैटो की नीतियों पर सवाल उठाता है, बल्कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स और छोटे रेस्टोरेंट्स के बीच बढ़ते तनाव को भी सामने लाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार और नियामक संस्थाओं को ऐसे प्लेटफॉर्म्स की नीतियों की जांच करनी चाहिए ताकि छोटे व्यवसायों का शोषण रोका जा सके।