लखनऊ: प्रदेश में होटल, उद्योग और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अब नक्शा पास कराने में अड़ंगे लगाने वाले अफसरों पर शिकंजा कसा जाएगा। बिना कारण व्यावसायिक नक्शा रोकने वाले विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर पर इस मसले पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही संबंधित बाधाओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर गहन चर्चा की गई, जिसमें यह बात सामने आई कि विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास कराने में अकारण देरी की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले नक्शों को ऑनलाइन बिल्डिंग परमिशन अप्रूवल सिस्टम (OBPAS) के तहत रोकने के कारणों की समीक्षा की जिम्मेदारी मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को दी जाएगी।

सरकार का मानना है कि इस तरह की बाधाएं प्रदेश में निवेश और व्यवसायिक गतिविधियों में अवरोध पैदा कर रही हैं। इसी के चलते अब बिना कारण नक्शा रोकने पर जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले एक साल में नक्शा जमा कराने की दर में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे यह स्पष्ट है कि व्यावसायिक गतिविधियों में रुचि लगातार बढ़ रही है।

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