लखनऊ पुलिस ने ढाई वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी दीपक वर्मा को एक मुठभेड़ में मार गिराया है. गुरुवार देर रात एसीपी कैंट कार्यालय के पास चेकिंग के दौरान आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आया और जवाबी कार्रवाई में मारा गया. दीपक ने आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास से बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था.
पुलिस उपायुक्त (मध्य) आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक आरोपी का नाम दीपक वर्मा था और वह ऐशबाग का रहने वाला था. वह माता रानी के जागरण में झांकी निकालने और रेलवे में पानी सप्लाई का काम करता था.
घटना का विवरण
पुलिस जांच में सामने आया कि बुधवार देर रात दीपक ने आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे ढाई वर्षीय बच्ची को उसके पिता के पास सोते हुए देखा था. उसने तीन से चार बार उस जगह की रेकी की, फिर वापस आकर बच्ची का अपहरण कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया. यह घटना बच्ची के पिता से महज पचास कदम की दूरी पर हुई. बच्ची के चीखने पर आरोपी ने उसका मुंह बंद कर दिया था.
सीसीटीवी फुटेज में दीपक की स्कूटी और उसकी संदिग्ध गतिविधियां कैद हो गई थीं. इसके बाद पुलिस ने एसीपी कैंट कार्यालय के पास चेकिंग शुरू की.
पुलिस मुठभेड़ और आरोपी की मौत
पुलिस को देखते ही दीपक ने भागने की कोशिश की और पुलिस पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में दीपक घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई. डीसीपी ने बताया कि घटना का खुलासा करने के लिए पांच टीमें लगाई गई थीं. दीपक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया जाएगा.
पूर्व में भी कई वारदातों को दिया अंजाम
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि दीपक पहले भी कई बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बना चुका था. वह झांकियों में छोटी बच्चियों को ले जाता था और वहां भी कई बार अलग-अलग बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया था. हालांकि, बदनामी के डर से इन मामलों की शिकायतें दर्ज नहीं की गईं, जिससे दीपक का दुस्साहस बढ़ता गया और उसने इस घटना को अंजाम दिया.
दीपक को पकड़ने के लिए पुलिस की एक अलग टीम 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही थी, जिसके बाद आरोपी की पहचान हो सकी थी. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.