लखनऊ: राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पीजीआई के साउथ सिटी निवासी डॉ. संतोष कुमार को जमीन खरीद में ऐसा धोखा मिला, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने बिजनौर के सरवन नगर में 31 लाख रुपये में 2000 स्क्वायर फुट का प्लॉट खरीदा और करीब 1.5 करोड़ रुपये खर्च कर शानदार मकान बनवाया। लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन्हें पता चला कि वह जमीन नगर निगम की है।
इस मामले में डॉ. संतोष कुमार ने बिजनौर थाने में तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। आरोपी हैं – उमाकांत शर्मा, उसका दोस्त विकास उर्फ गगन, और रजिस्ट्री कराने वाला व्यक्ति राम औतार।
डॉ. संतोष के मुताबिक, उमाकांत और विकास ने उन्हें सरवन नगर में प्लॉट दिखाया और बताया कि यह उनकी प्लॉटिंग है। प्लॉट पसंद आने पर उन्होंने 12 दिसंबर 2020 को अपनी पत्नी गीता के नाम पर रजिस्ट्री करवाई। रजिस्ट्री की प्रक्रिया राम औतार ने पूरी की।
सब कुछ वैध मानकर डॉ. संतोष ने निर्माण कार्य शुरू कराया और करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर मकान बनवा लिया। लेकिन बाद में जानकारी मिली कि यह जमीन नगर निगम की है और इसे किसी को बेचा ही नहीं जा सकता।
अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी संपत्ति को बेचने के आरोप में कार्रवाई की जा रही है।