Kamchatka Earthquake. बुधवार को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में एक भयंकर भूकंप ने पृथ्वी को हिला दिया। इस भूकंप की तीव्रता 8.8 रिक्टर स्केल पर मापी गई, जो इस साल और पिछले कुछ वर्षों में आए भूकंपों में सबसे शक्तिशाली था। भूकंप के बाद समुद्र में विशाल सुनामी लहरें उठने लगीं, जिससे पूरी समुद्रतट की क्षेत्र में तबाही का खतरा मंडराने लगा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस भूकंप की ऊर्जा को हिरोशिमा पर गिराए गए 14,300 परमाणु बमों के विस्फोट से उत्पन्न ऊर्जा के बराबर माना जा रहा है।
भूकंप की तीव्रता : क्या है इसका मतलब?
हर भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड स्केल का उपयोग किया जाता है, जो एक लॉगरिदमिक स्केल है। इसका मतलब है कि जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता का अंक बढ़ता है, वैसे-वैसे उसकी ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए, 6 तीव्रता वाला भूकंप 5 तीव्रता वाले भूकंप से 31.6 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है। इसी तरह, 8.8 तीव्रता का भूकंप 7.8 से 31.6 गुना ज्यादा और 6.8 से करीब 1000 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है।
8.8 की तीव्रता का भूकंप : एक भयावह दृष्टिकोण
रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया यह भूकंप “ग्रेट अर्थक्वेक” श्रेणी में आता है। भूकंप की इस तीव्रता से उत्पन्न ऊर्जा इतनी विशाल होती है कि वह सड़कों, इमारतों और यहां तक कि पूरे शहरों को भी नष्ट कर सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस भूकंप से 9 x 10^17 जूल्स ऊर्जा उत्पन्न हुई है, जो एक परमाणु बम के विस्फोट से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा से कई गुना अधिक है।
हिरोशिमा बम और भूकंप की ऊर्जा का तुलना
साल 1945 में जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की ऊर्जा को 15 किलोटन TNT के बराबर माना जाता है, जो लगभग 6.3 x 10^13 जूल्स के बराबर है। अगर हम 8.8 तीव्रता के भूकंप की ऊर्जा को हिरोशिमा बम की ऊर्जा से तुलना करें, तो हम पाएंगे कि यह भूकंप हिरोशिमा पर गिराए गए 14,300 परमाणु बमों के समान ऊर्जा उत्पन्न कर रहा है।
भूकंप की गहराई और फॉल्ट की प्रकृति
रिसर्चगेट की स्टडी “कंपेरिजन बिटविन द सीस्मिक एनर्जी रिलीज्ड ड्यूरिंग अर्थक्वेक विद टंस ऑफ टंस टीएनटी” के अनुसार, 8.8 तीव्रता का भूकंप 6.27 मिलियन टन TNT के बराबर होता है। यह लगभग 10,000 से 14,000 हिरोशिमा बमों के विस्फोट के बराबर माना जा रहा है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में इस ऊर्जा को 9,000 हिरोशिमा बमों के बराबर भी बताया गया है, क्योंकि भूकंप की गहराई और फॉल्ट की प्रकृति में अंतर हो सकता है।
सुनामी का खतरा: भूकंप के बाद का परिणाम
इस भूकंप के बाद समुद्र में उठ रही सुनामी लहरों का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है। सुनामी की लहरें पूरे समुद्रतट पर तेजी से फैल रही हैं, जिससे तटीय इलाकों में भारी तबाही का खतरा उत्पन्न हो गया है। यह भूकंप और सुनामी की आपदा उन क्षेत्रों के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है, जहां पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं का खतरा अधिक होता है।
भूकंप की ऊर्जा : परमाणु बमों के बराबर
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, इस भूकंप से उत्पन्न ऊर्जा का आकलन हिरोशिमा बम की ऊर्जा से किया जा सकता है। इस ऊर्जा का विश्लेषण करने के लिए, वैज्ञानिकों ने भूकंप की गहराई, उसके केन्द्र, और फॉल्ट लाइनों के विश्लेषण को भी ध्यान में रखा है। रिसर्चगेट की रिपोर्ट के अनुसार, 8.8 की तीव्रता का भूकंप इतनी ज्यादा ऊर्जा पैदा करता है कि वह 6.27 मिलियन टन TNT के बराबर होता है।
भविष्य में भूकंप से बचाव की चुनौतियाँ
भूकंप की तीव्रता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भविष्य में ऐसे शक्तिशाली भूकंपों के खिलाफ सुरक्षा और बचाव की नीतियाँ और भी महत्वपूर्ण हो जाएंगी। प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती तीव्रता से निपटने के लिए वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि इन आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके और जीवन और संपत्ति की रक्षा की जा सके।
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