Hapur : हापुड़ के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र में स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए 5 वर्षीय बच्ची अमरीन की दर्दनाक मौत हो गई। परिवार के अनुसार, बच्ची को इलाज देने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की गई थी, जिसे वे नहीं जुटा पाए, और इसी कारण मेडिकल कॉलेज ने इलाज देने से मना कर दिया।

घटना का विवरण
यह घटना तब हुई जब बच्ची अमरीन की तबियत अचानक बिगड़ गई और उसे इलाज की सख्त जरूरत थी। उसके पिता, जो एक मजदूरी करने वाले व्यक्ति हैं, ने पूरे अस्पताल में दौड़-धूप की लेकिन जब तक वह रुपये नहीं जमा कर पाए, तब तक बच्ची का स्वास्थ्य और खराब हो गया।

अस्पताल में बेबस पिता अपनी बेटी को गोद में लेकर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन मेडिकल कॉलेज ने इलाज देने से इंकार कर दिया और रुपये जमा करने का दबाव बनाया। जब बच्ची की हालत गंभीर हो गई, तो उसके पिता ने अस्पताल प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की। अंततः बच्ची ने अपने पिता की बाहों में तड़पते हुए दम तोड़ दिया।

सीएमओ और अफसरों की चुप्पी
घटना के बाद हापुड़ सीएमओ और अन्य जिम्मेदार अफसरों ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। अफसर अब शिकायत मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस लापरवाही को लेकर लोगों में गुस्सा और आक्रोश है।

पिलखुवा के सरस्वती मेडिकल कॉलेज पर सवाल
यह मामला उस सरस्वती मेडिकल कॉलेज का है, जिसमें परिवार मजदूरी कर अपना गुजारा करता है। बच्ची का इलाज न मिलने से परिवार पर एक गहरा सदमा आया है। अस्पताल में होने वाली इस तरह की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं, और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

अब तक मेडिकल कॉलेज के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, और बच्ची के परिवार को न्याय का इंतजार है। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बन गई है, और लोग इस लापरवाही पर नाराजगी जता रहे हैं।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बच्ची की मौत के बाद उसके माता-पिता पर एक बहुत बड़ा दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस दुखद घटना ने यह भी उजागर किया है कि कैसे अस्पतालों में इलाज के लिए पैसे की मांग और अधिकारियों की लापरवाही निर्दोष जानों को छीन सकती है।

न्याय की उम्मीद
अब बच्ची के परिवार और क्षेत्रवासियों की उम्मीद है कि प्रशासन और मेडिकल कॉलेज के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और गरीबों को इलाज में मदद मिल सके।

'तबादलों के राजदार और IAS की दुश्मनी', | पॉवर सेंटर WITH VIRENDRA SINGH |

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