दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अमित कुमार सिंघल की रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। सीबीआई ने रंगे हाथों इस अधिकारी को 25 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब कोई रियायत नहीं दी जाएगी। भ्रष्टाचार मिटाने की सरकार की नीति के तहत यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि दफ्तरों में अघोषित धनवसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मामला कुछ इस तरह का है कि अमित कुमार सिंघल, जो दिल्ली में तैनात हैं, पर शिकायतकर्ता से कुल 45 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है। शिकायतकर्ता को राजस्व विभाग से राहत देने के नाम पर उन्होंने अवैध वसूली की। इस राशि में से पहली किश्त 25 लाख रुपए उन्होंने स्वीकार कर ली। सीबीआई ने इस घोटाले की जांच 31 मई 2025 को शुरू की थी। जांच के दौरान शिकायतकर्ता से मिली शिकायत के आधार पर जांच तेज की गई और 25 लाख रुपए लेते हुए अमित कुमार सिंघल को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। इसके साथ ही इस मामले में एक निजी व्यक्ति हर्ष कोटक को भी गिरफ्तार किया गया है, जो रिश्वत देने और लेने के बीच का कनेक्शन माना जा रहा है।
आरोप है कि रिश्वत न देने पर अधिकारी ने शिकायतकर्ता को कानूनी कार्रवाई, भारी जुर्माना और उत्पीड़न की धमकी दी थी। यह पूरी घटना राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ को उजागर करती है। इसके साथ ही यह भी दर्शाती है कि भ्रष्ट अधिकारियों की मनमानी से आम आदमी कितना परेशान रहता है।
इस मामले में सीबीआई की कड़ी कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सरकार कितनी गंभीरता से ले रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी, जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
यह घटना एक चेतावनी भी है कि चाहे कोई भी बड़ा अधिकारी हो, कानून के आगे सभी बराबर हैं और गलत काम करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए इस तरह की कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि सिस्टम में साफ-सफाई आए और आम जनता को न्याय मिले।