पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत आने वाली भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2024-25 में जलमार्गों के माध्यम से कुल 145.5 मिलियन टन माल का परिवहन किया गया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है।

साल के दौरान परिचालन में आने वाले जलमार्गों की संख्या 24 से बढ़कर 29 हो गई है, जिससे वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी कार्गो परिवहन में वृद्धि की संभावना है। FY14 में जहां जलमार्गों के माध्यम से केवल 18.10 मिलियन टन माल का परिवहन होता था, वहीं FY25 में यह आंकड़ा 145.5 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो 20.86% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है।

FY25 में माल यातायात में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.34% की वृद्धि दर्ज की गई है। कोयला, लौह अयस्क, लौह अयस्क फाइन्स, बालू और फ्लाई ऐश जैसे पांच प्रमुख उत्पादों ने कुल परिवहन माल का 68% से अधिक हिस्सा बनाया।

जलमार्गों पर माल परिवहन की इस उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय हाल के वर्षों में अपनाई गई कई नीतियों और बुनियादी ढांचा विकास पहलों को जाता है। दिसंबर 2023 में ‘जलवाहक कार्गो प्रोन्नयन योजना’ शुरू की गई थी, जिसके तहत जलमार्ग के माध्यम से माल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए वास्तविक परिचालन व्यय का 35% तक प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

इस योजना को आगे बढ़ाते हुए NW-1, NW-2 और NW-16 जलमार्गों पर निर्धारित कार्गो सेवाएं शुरू की गई हैं, जो भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल के तहत संचालित की जा रही हैं। इससे लगभग 800 मिलियन टन-किलोमीटर माल को जलमार्ग पर स्थानांतरित किए जाने की संभावना है, जो वर्तमान कुल 4,700 मिलियन टन-किलोमीटर कार्गो का लगभग 17% है।

राष्ट्रीय जलमार्गों (जेट्टी/टर्मिनल निर्माण) विनियम, 2025 को लागू कर निजी निवेश को प्रोत्साहित किया गया है, जिसके तहत अब निजी, सार्वजनिक या संयुक्त उपक्रम द्वारा एक डिजिटल पोर्टल के माध्यम से आसान ‘ना-अपत्ति प्रमाणपत्र’ (NOC) लेकर देशभर में टर्मिनल/जेट्टी का निर्माण किया जा सकता है।

कार्गो परिवहन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कई अन्य पहलें भी की गई हैं। जलमार्गों के चिन्हित हिस्सों पर समग्र ड्रेजिंग अनुबंध जारी किए गए हैं। साथ ही, कई जलमार्गों पर रो-रो और रो-पैक्स सेवाएं शुरू की गई हैं, जिससे कार्गो और यात्री परिवहन में सहूलियत मिली है।

डिजिटल समाधानों जैसे CAR-D पोर्टल, PANI पोर्टल, जलयान और नाविक के जरिए पोत और चालक दल का पंजीकरण, और ‘नौदर्शिका’ प्रणाली के माध्यम से जलपोत संचालन की निगरानी की जा रही है, जिससे माल परिवहन को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाया गया है।

इसके अलावा, राष्ट्रीय जलमार्गों पर पर्याप्त आधारभूत संरचना जैसे IWT टर्मिनल, रात्री नेविगेशन सुविधाएं और नेविगेशनल लॉक भी विकसित किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि इन पहलों से जलमार्गों के माध्यम से माल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और यह एक अधिक कुशल और सतत परिवहन प्रणाली के रूप में उभरेगा। प्राधिकरण देशभर में अपने विस्तार की दिशा में कार्य कर रहा है और विशेष रूप से NW-1, NW-2, NW-3 और NW-16 सहित अन्य जलमार्गों की क्षमता वृद्धि पर भी ध्यान दे रहा है।

16 April 2025 | UP News | Uttar Pradesh Ki Taja Khabar | UP Politics | CM Yogi | Akhilesh |

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