World Brain Day 2025: हर साल 22 जुलाई को वर्ल्ड ब्रेन डे (World Brain Day) मनाया जाता है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य और मस्तिष्क संबंधी रोगों के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। इस साल की थीम है “Brain Health and Prevention”, यानी मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के उपायों पर फोकस।

हालांकि तेजी से बदलती जीवनशैली और डिजिटल स्क्रीन टाइम के बढ़ते चलन के बीच, लोगों की नींद की आदतें गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रात में देर तक जागने की आदत मस्तिष्क को कई तरीकों से नुकसान पहुँचा सकती है।

देर रात जागने से दिमाग को कैसे होता है नुकसान? जानिए 5 तरीके

  1. स्मृति (Memory) कमजोर होना: पर्याप्त नींद न लेने से दिमाग की मेमोरी प्रोसेसिंग क्षमता प्रभावित होती है। नई जानकारी याद रखने में दिक्कत होती है और पुरानी यादें भी धुंधली हो सकती हैं।
  2. निर्णय लेने की क्षमता घटती है: देर तक जागना frontal lobe को प्रभावित करता है, जो निर्णय लेने और सोचने की क्षमता से जुड़ा होता है।
  3. तनाव और डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है: नींद की कमी से सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे रसायनों का असंतुलन होता है, जिससे मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और डिप्रेशन हो सकता है।
  4. एकाग्रता में कमी: मस्तिष्क थका हुआ महसूस करता है, जिससे फोकस करना मुश्किल हो जाता है — चाहे वह पढ़ाई हो, ऑफिस का काम या दैनिक जीवन।
  5. ब्रेन सेल्स को दीर्घकालिक क्षति: लगातार नींद की कमी से न्यूरॉन्स कमजोर होने लगते हैं, जिससे अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

क्या करें?

  • रात में 7–8 घंटे की पूरी नींद लें
  • सोने से कम से कम 1 घंटा पहले स्क्रीन टाइम कम करें
  • कैफीन और भारी खाना रात में टालें
  • नियमित सोने और जागने का समय तय करें
  • दिनभर में थोड़ी देर एक्सरसाइज़ जरूर करें

World Brain Day का संदेश

इस वर्ल्ड ब्रेन डे पर आइए संकल्प लें कि हम अपनी नींद और मस्तिष्क स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे। क्योंकि स्वस्थ दिमाग ही स्वस्थ जीवन की नींव है।

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