Lack of Sleep Dangers: नींद सिर्फ आराम का समय नहीं बल्कि यह शरीर और दिमाग की रिपेयरिंग प्रक्रिया है। हाल ही में आई एक रिसर्च ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। स्टडी के मुताबिक जो लोग रोजाना सिर्फ 6 घंटे या उससे कम सोते हैं, उनमें दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा तीन गुना तक बढ़ सकता है।

स्टडी में क्या निकला सामने?

  • रिसर्च में करीब 90,000 लोगों को 7 साल तक ट्रैक किया गया।
  • कई लोगों ने दावा किया कि वे 8 घंटे सोते हैं, लेकिन फिटनेस ट्रैकर से असली नींद सिर्फ 6 घंटे या उससे कम पाई गई।
  • जिनकी नींद अधूरी थी, उनमें हार्ट अटैक, डिप्रेशन, किडनी फेलियर और मोटापा जैसी समस्याएं ज्यादा देखी गईं।

कम नींद के खतरे

1. गंभीर मानसिक समस्याएं (Mental Health)

  • चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग: नींद पूरी न होने पर दिमाग के भावनाओं को नियंत्रित करने वाले हिस्से प्रभावित होते हैं, जिससे गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ता है।
  • डिप्रेशन और एंग्जाइटी का खतरा: लगातार कम सोने से दिमाग में हैप्पी हार्मोन (जैसे सेरोटोनिन) का संतुलन बिगड़ता है, जिससे डिप्रेशन और तनाव का risk बढ़ जाता है।
  • याददाश्त और एकाग्रता में कमी: नींद दिमाग की “क्लीनिंग” और memories को organise करने का समय होता है। कम सोने से याद रखने और फोकस करने की क्षमता घटती है।

2. दिमाग पर असर (Impact on Brain)

  • निर्णय लेने की क्षमता घटती है: आप छोटे-छोटे फैसले लेने में भी परेशानी महसूस करते हैं और गलत निर्णय लेने की संभावना बढ़ जाती है।
  • सीखने की क्षमता घटती है: दिमाग नई information को process नहीं कर पाता, जिससे कुछ नया सीखना मुश्किल हो जाता है।

3. शारीरिक बीमारियों का खतरा (Physical Health Risks)

  • मोटापा: कम सोने से भूख बढ़ाने वाला हार्मोन (Ghrelin) बढ़ता है और भूख कम करने वाला हार्मोन (Leptin) घटता है। इससे जंक फूड खाने की cravings बढ़ती हैं और weight बढ़ता है।
  • दिल की बीमारी: नींद की कमी blood pressure और inflammation बढ़ाती है, जिससे heart attack और stroke का खतरा बढ़ जाता है।
  • डायबिटीज (मधुमेह) का खतरा: शरीर insulin hormone के प्रति कम sensitive हो जाता है, जिससे blood sugar level बिगड़ता है और Type 2 Diabetes की संभावना बढ़ती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है: नींद हमारी immune system को मजबूत बनाती है। कम सोने पर आपका शरीर infection और बीमारियों से लड़ नहीं पाता, आप बार-बार बीमार पड़ते हैं।

4. लंबी उम्र पर असर (Effect on Lifespan)

कई शोधों में पाया गया है कि लगातार कम सोने वाले लोगों की आयु कम हो सकती है। यह सीधे तौर पर नहीं, बल्कि ऊपर बताई गई गंभीर बीमारियों के risk बढ़ने के कारण होता है।

5. दुर्घटनाओं का खतरा (Risk of Accidents)

नींद की कमी से reaction time धीमा हो जाता है। इससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। एक थका हुआ दिमाग नशे में चलाने जितना खतरनाक हो सकता है।

क्या कहती है रिसर्च?

एक प्रसिद्ध research में पाया गया कि लगातार 6 घंटे सोने वाले लोग, जो खुद को “ठीक” महसूस करते थे, उनकी cognitive performance (मानसिक प्रदर्शन) उन लोगों जितनी ही खराब थी, जिन्होंने दो पूरी रातों तक सोया ही नहीं था। यानी आपको लगता है कि आपकी आदत हो गई है, लेकिन आपका शरीर और दिमाग अंदर ही अंदर घटिया performance दे रहा होता है।

देर रात तक जागने वाले जरूर पढ़ें यह बात

अगर आप देर रात तक जागकर काम करते हैं, पढ़ाई करते हैं या फोन चलाते हैं, तो यह आपकी सेहत के साथ एक खतरनाक खिलवाड़ है। “सोना समय की बर्बादी नहीं, बल्कि एक जरूरी investment है आपकी सेहत, सफलता और खुशहाल जिंदगी के लिए।”

अपनी नींद को प्राथमिकता दें। कोशिश करें कि रोजाना कम से कम 7 घंटे की अच्छी और गहरी नींद जरूर लें। इस छोटे से बदलाव से आपकी पूरी जिंदगी की क्वालिटी बदल सकती है।

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