उत्तर प्रदेश की राजनीति में ‘बाहुबली’ के नाम से मशहूर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने 28 साल पुराने एक सियासी राज से पर्दा उठाया है। उन्होंने खुलासा किया कि 1997 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) को तोड़ने में उनकी अहम भूमिका थी, और यह सब मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कहने पर हुआ था। इसका मकसद कल्याण सिंह की सरकार को गिरने से बचाना था। यह सनसनीखेज खुलासा राजा भैया ने भारत समाचार के एडिटर-इन-चीफ ब्रजेश मिश्रा द्वारा होस्ट किए गए एक विशेष पॉडकास्ट में किया। यह पॉडकास्ट हमारे चैनल भारत समाचार पर उपलब्ध है, जहां राजा भैया ने यूपी की राजनीति के कई अनकहे किस्सों पर खुलकर बात की।
प्रतापगढ़ जिले की कुंडा सीट से लगातार सात बार विधायक चुने गए और पांच बार कैबिनेट मंत्री रह चुके राजा भैया ने पॉडकास्ट में बताया कि BSP सुप्रीमो मायावती से उनकी राजनीतिक दुश्मनी की जड़ें इसी घटना में हैं। 1996 में BSP और BJP के गठबंधन से सरकार बनी थी, जिसमें 6-6 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनने का समझौता था। मायावती ने पहले छह महीने सीएम पद संभाला, लेकिन उसके बाद BJP ने कल्याण सिंह को सीएम बनाने की कोशिश की, जिस पर विवाद हो गया। नतीजतन, गठबंधन टूट गया और सरकार गिरने की नौबत आ गई।
राजा भैया ने ब्रजेश मिश्रा से बातचीत में कहा, “उस वक्त कोई भी पार्टी दोबारा चुनाव नहीं चाहती थी। 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार मध्यावधि चुनाव हो चुके थे, जिससे विधायक और जनता दोनों थक चुके थे। राजनाथ सिंह समेत कुछ नेताओं ने मुझसे संपर्क किया और BSP को तोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी। मेरे और राजनाथ जी के व्यक्तिगत संबंध थे, जो आज भी कायम हैं। मैंने बसपा के कई विधायकों से बात की, जो मेरे परिचित थे, और उन्हें समझाया। नतीजतन, BSP से 12 से ज्यादा विधायक टूट गए और जनतांत्रिक BSP बनी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तोड़फोड़ में कोई ‘डील’ नहीं हुई थी। “ना तो मंत्री पद की मांग की गई, ना विभाग की। सिर्फ बहुमत जुटाने का काम था। कल्याण सिंह ने बाद में जो उचित समझा, वह दिया। किसी विधायक को जबरदस्ती नहीं उठाया या पकड़ा गया, सब समझदारी से हुआ।” राजा भैया ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस से भी 22 विधायक टूटकर लोकतांत्रिक कांग्रेस बनी, और RLD तथा निर्दलीयों के समर्थन से कल्याण सिंह ने बहुमत साबित किया।
यह खुलासा ऐसे समय में आया है जब यूपी की राजनीति में 2027 विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं। राजा भैया की मायावती से दुश्मनी जगजाहिर है—2002 में मायावती सरकार ने उन्हें POTA के तहत गिरफ्तार किया था, और कई विवादों में उनका नाम जुड़ा। पॉडकास्ट में ब्रजेश मिश्रा ने राजा भैया से उनकी राजनीतिक यात्रा, विवादों और निजी जीवन पर भी सवाल किए, जिसने दर्शकों को बांधे रखा।
ब्रजेश मिश्रा, भारत समाचार के एडिटर-इन-चीफ, ने पॉडकास्ट के बाद कहा, “यह एपिसोड यूपी की राजनीति के अनदेखे पहलुओं को उजागर करता है। राजा भैया जैसे दिग्गज नेता से ऐसी खुली बातचीत दुर्लभ है।” पॉडकास्ट अब भारत समाचार के यूट्यूब चैनल और वेबसाइट पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है। दर्शक इसे देखकर यूपी की सियासत के इन राजों को जान सकते हैं।
भारत समाचार की टीम इस तरह के विशेष इंटरव्यू और पॉडकास्ट के जरिए दर्शकों तक सच्ची और गहन खबरें पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।