वाराणसी। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में 90 के दशक में जिसकी पहचान पूर्वांचल के बाहुबली और माफिया मुख्तार की अदावत से होती थी। अब वह शख़्स अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़ा है। यह कोई और नहीं बल्कि पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह है, जो इन दिनों अपने अध्यात्म और धार्मिक कार्यों की वजह से चर्चा में है। दअरसल बृजेश सिंह को वाराणसी में जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। अध्यक्ष बनने के बाद बृजेश सिंह अब युवाओं को धर्म,अध्यात्म और योग की तरफ रुख किए जाने की बात कह रहे है। गुरुवार को पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ध्यान और व्यायाम मेरी कमजोरी है और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत भी है।

धर्म से किसी को कोई टकराव नहीं, कुछ राजनैतिक दलों की वोट बैंक की है मजबूरी : बृजेश सिंह

देश में राजनैतिक और धर्म के आए दिन टकराव को लेकर पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने कहा कि धर्म से किसी का कोई टकराव नहीं है। धर्म अपने आप में पूर्ण सम्पन्न है। कुछ नेता और राजनैतिक दलों की वोट बैंक की मजबूरी होती है, उनके लिए कुछ कहना उचित नहीं है। वही युवाओं को उन्होंने एक महीने तक ध्यान और व्यायाम करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि कोई युवा एक महीने तक ध्यान और व्यायाम नियमित रूप से करता है, तो उसे उसकी आदत हो जाएगी। जैसे कर्म का फल किसी को धीरे – धीरे मिलता है, वैसे ही ध्यान और व्यायाम का भी फल धीरे – धीरे देखने को मिल जाएगा।

गौरतलब है, कि रथयात्रा मेले का आगाज गुरुवार से हो गया है और वाराणसी के जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र 15 अस्वस्थता के बाद नगर भ्रमण किया। वही शुक्रवार से रथ पर सवार होकर वह रथयात्रा मेले के दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। वही इस मेले की जिम्मेदारी नवागत जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में बृजेश सिंह के ऊपर है। ऐसे में वह श्रद्धालुओं की सुगमता को लेकर तैयारियों में जुटे हुए है।

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