भारत, जो कभी रूस, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों पर अपनी रक्षा जरूरतों के लिए निर्भर था, अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं के तहत खुद अपने हथियार बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत टैंक, मिसाइल, फाइटर जेट, तोप और सबमरीन जैसी आधुनिक सैन्य तकनीकें स्वदेश में विकसित कर रहा है — और यही उसे एक उभरती हुई रक्षा महाशक्ति बना रहा है।

छोटे शहर, बड़े निर्माण: हथियार उत्पादन के नए हब

अब रक्षा निर्माण सिर्फ दिल्ली या बेंगलुरु तक सीमित नहीं रहा। हैदराबाद, पुणे, जबलपुर, नागपुर, कोच्चि और चंडीगढ़ जैसे शहर आधुनिक हथियारों के निर्माण में तेजी से उभर कर सामने आ रहे हैं।

सरकारी संस्थान जैसे DRDO, HAL, BEL और Bharat Dynamics Limited, साथ ही कई निजी कंपनियां मिलकर इन क्षेत्रों को रक्षा उत्पादन का केंद्र बना रही हैं।

‘तेजस’ से उड़ी आत्मनिर्भरता की उड़ान

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बेंगलुरु में तैयार किया गया ‘तेजस’ फाइटर जेट अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा है। यह पूरी तरह स्वदेशी है और अत्याधुनिक तकनीकों जैसे मिसाइल लांचर, स्मार्ट रडार और सुपरसोनिक गति से लैस है। अब इसका उन्नत वर्जन ‘तेजस मार्क-2’ तैयार किया जा रहा है, जो भारत की एयर डिफेंस को और मजबूती देगा।

अर्जुन टैंक और ‘देशी बोफोर्स’ धनुष तोप

तमिलनाडु के अवाड़ी में बना ‘अर्जुन टैंक’ पाकिस्तान के टैंकों से बेहतर माना जाता है। वहीं, जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में बनी ‘धनुष’ तोप, जिसे ‘देशी बोफोर्स’ कहा जाता है, ऊंचाई वाले इलाकों में सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।

आकाश, नाग और ब्रह्मोस मिसाइलें

हैदराबाद में DRDO और BDL मिलकर ‘आकाश’ और ‘नाग’ मिसाइल बना रहे हैं।

  • ‘आकाश’ हवाई हमलों से रक्षा करती है
  • ‘नाग’ दुश्मन के टैंकों को नष्ट करने में सक्षम है

वहीं ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल, जो शुरू में भारत-रूस का जॉइंट प्रोजेक्ट थी, अब पूरी तरह भारत में बनाई जा रही है।

INS विक्रांत और परमाणु पनडुब्बी: समुद्री ताकत की मिसाल

भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत कोच्चि में बनाया गया है। वहीं विशाखापत्तनम में बनी INS अरिहंत एक पूरी तरह से स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है। यह भारत को समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करने में मील का पत्थर है।

अब खुद बना रहे हैं छोटे हथियार

कानपुर और चंडीगढ़ की ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में अब INSAS राइफल, AK-203 और कार्बाइन जैसे हथियार बनाए जा रहे हैं। ये हथियार अब सिर्फ भारतीय सुरक्षा बलों को नहीं, बल्कि विदेशों में भी निर्यात किए जा रहे हैं।

आज भारत की कहानी सिर्फ एक उपभोक्ता से निर्माता बनने की नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित और सक्षम राष्ट्र बनने की है। राइफल से लेकर फाइटर जेट तक, भारत अब अपनी सेना की ज़रूरतें खुद पूरी कर रहा है — और दुनिया को बता रहा है कि आत्मनिर्भरता असंभव नहीं, सशक्त भविष्य की पहली शर्त है।

'मनु की औलादें ऐसा कृत्य...' Etawah में कथावाचक के अपमान पर ये क्या बोल गये सपा के RK Verma?

शेयर करना
Exit mobile version