Lucknow: उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग में तबादला नीति सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई है। विभाग में ऐसे कई अधिकारी हैं जो पिछले 7 से 8 साल से एक ही जगह तैनात हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कई अफसरों पर भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें और जांचें भी चल रही हैं, फिर भी उन्हें उसी अनुभाग की जिम्मेदारी दोबारा दे दी गई है।
हकीकत क्या है?
सरकारी तबादला नीति के अनुसार, किसी भी अधिकारी को 3 से 5 साल से ज्यादा एक ही स्थान या अनुभाग में नहीं रखा जाना चाहिए। इसका मकसद पारदर्शिता बनाए रखना और एक ही जगह लंबे समय तक जमने से बचाव करना है। लेकिन नगर विकास विभाग में इस नियम की खुलेआम अनदेखी हो रही है।
प्रमोशन के बाद भी बदलाव नहीं
कुछ अधिकारियों को प्रमोशन मिला, लेकिन उन्हें उसी अनुभाग में बनाए रखा गया, जहां वे पहले से कार्यरत थे। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि तबादला नीति को विभाग में गंभीरता से लागू नहीं किया जा रहा।