उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति कुन्तल की वृद्धि की घोषणा की है, जिससे गन्ना किसानों को लगभग ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान होगा। गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के अनुसार, अब अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य ₹400 प्रति कुन्तल और सामान्य प्रजाति का मूल्य ₹390 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है।
यह चौथी बार है जब योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की है, जो न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
2024-25 के मुकाबले बढ़ी कीमतें
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024-25 के पेराई सत्र के लिए गन्ने के राज्य सलाहकार मूल्य (SAP) में कोई वृद्धि नहीं की थी। तब अगेती प्रजाति का मूल्य ₹370 प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का मूल्य ₹360 प्रति क्विंटल था। वहीं, इस बार गन्ना मूल्य में ₹30 की वृद्धि से किसानों को राहत मिली है।
केंद्र सरकार का FRP (फेयर एंड रेम्यूनरेटिव प्राइस) 2024-25 के लिए ₹340 प्रति क्विंटल था, जो राज्य SAP से कम था। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने किसानों के हित में मूल्य वृद्धि की है।
गन्ना किसानों के प्रति योगी सरकार की प्रतिबद्धता
मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि गन्ना किसानों के परिश्रम का सम्मान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया, “गन्ना किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सशक्त स्तंभ हैं। गन्ना हमारे ग्रामीण जीवन और अर्थव्यवस्था का आधार है और हर किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य सही समय पर उपलब्ध कराना सरकार की प्रतिबद्धता है।”
किसानों को ₹2,90,225 करोड़ का भुगतान
अब तक गन्ना किसानों को ₹2,90,225 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, जो कि पिछली सपा और बसपा सरकारों के दौरान किए गए भुगतान से दोगुना है। 2007 से 2017 के बीच, सपा और बसपा सरकारों ने किसानों को मात्र ₹1,47,346 करोड़ का भुगतान किया था। इस प्रकार, योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में ₹1,42,879 करोड़ अधिक भुगतान कर नया इतिहास रचा है।
चीनी मिलों में विस्तार और नीतियों का प्रभाव
वर्तमान में प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, सरकार ने पारदर्शी प्रबंधन और निवेशोन्मुख नीतियों के कारण चीनी उद्योग में ₹12,000 करोड़ का निवेश आकर्षित किया है। पिछले आठ वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गई हैं, और 6 बंद मिलें फिर से शुरू की गईं।
स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली और डिजिटल पहल
‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली के तहत गन्ना क्षेत्रफल, सट्टा, कैलेंडरिंग और पर्ची जारी करने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। अब किसान अपनी गन्ना पर्ची सीधे मोबाइल पर प्राप्त करते हैं और भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में पहुंचता है। इस प्रणाली को भारत सरकार ने ‘मॉडल सिस्टम’ घोषित किया है।
इथेनॉल उत्पादन में भी यूपी का नया कीर्तिमान
मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि इथेनॉल उत्पादन में राज्य ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है और आसवनियों की संख्या 61 से बढ़कर 97 हो गई है।
गन्ना क्षेत्रफल में वृद्धि
प्रदेश में गन्ना क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है, जिससे उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर आ गया है।












