Up News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और कार्यों में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 3 नवम्बर, 2025 को डॉ. आर.पी. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया।

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि नारंगी और हरी श्रेणी की इकाइयों के लिए आवेदनों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन स्कीम लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत, उद्योग अब सीटीई (क्लियरेंस टू एस्टैब्लिश) और सीटीओ (क्लियरेंस टू ऑपरेट) के लिए बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थाओं से निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकेंगे। पहले यह केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के निरीक्षण पर निर्भर था।

अब उद्योगों को यह विकल्प मिलेगा कि वे सरकार द्वारा अधिसूचित प्रतिष्ठित संस्थाओं जैसे आईआईटी, सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज इत्यादि से निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस व्यवस्था के तहत, सीटीई और सीटीओ जारी किए जा सकेंगे, जिससे सरकारी निरीक्षण की बाध्यता समाप्त हो जाएगी।

यह कदम उद्योगों को बड़ी राहत देगा और उन्हें इन प्रमाणपत्रों के लिए आवेदन करने में आसानी होगी। उद्योग अब स्वतंत्र रूप से निरीक्षण करने वाली संस्थाओं का चयन कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज होगी।

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