Minister Nandi wrote a letter to CM Yogi: उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी सरकार को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। खुद योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अपनी ही सरकार के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि अफसरशाही काम में जानबूझकर रोड़ा अटका रही है।

क्या कहा है मंत्री नंदी ने?
मंत्री नंदी का आरोप है कि अफसर उनके निर्देशों को नजरअंदाज कर रहे हैं,नीतियों के खिलाफ जाकर फाइलें पास कर रहे हैं, अपनों को फायदा देने के लिए नियम तोड़ रहे हैं, और महत्वपूर्ण फाइलें गायब कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अफसर फाइलें मंगाकर “डंप” कर रहे हैं ताकि योजनाएं आगे न बढ़ सकें।

दो साल से अनसुनी हो रही है बात!
पत्र के मुताबिक मंत्री ने दो साल से कई बार फाइलें मंगाई हैं लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया। एक मामले में 29 अक्टूबर को CM ऑफिस से साफ निर्देश आए कि एक हफ्ते में फाइलें पेश की जाएं, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। यहां तक कि तीन साल पहले विभाग में कामकाज के बंटवारे का जो आदेश हुआ था, उसकी फाइल ही लापता हो गई!

सीएम से की शिकायत, जांच के निर्देश
मंत्री नंदी की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने कुछ मामलों में उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दे दिए हैं और पूरी रिपोर्ट तलब की गई है। सूत्रों की मानें तो अब सीनियर अफसरों की ओर से जवाब तैयार किया जा रहा है, क्योंकि मामला बेहद संवेदनशील और सरकार के अंदर के अंतर्विरोध को उजागर करता है।

एक मंत्री की नाराज़गी, पूरी व्यवस्था पर सवाल
जिस सरकार में “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” और “साफ-सुथरा प्रशासन” का दावा किया जाता है, उसी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री अगर खुले तौर पर अपने ही सिस्टम से हताश नजर आएं, तो सवाल उठते हैं। क्या यह केवल अफसरशाही की मनमानी है या फिर अंदर ही अंदर कुछ और चल रहा है?

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