उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रमुख की स्थायी नियुक्ति को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार, जो 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से न तो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को पात्र अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा गया है, और न ही चयन समिति का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि प्रशांत कुमार वर्तमान में भी कार्यवाहक डीजीपी के रूप में पदभार संभाल रहे हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश को एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी से ही काम चलाना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने अनौपचारिक रूप से प्रशांत कुमार के कार्यकाल विस्तार की संभावनाएं तलाशने की कोशिश की है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है।
पूर्व में भी किसी कार्यवाहक डीजीपी को सेवा विस्तार नहीं मिला है, ऐसे में संभावना है कि नए कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। इस स्थिति से एक बार फिर प्रदेश में पुलिस महकमे की शीर्ष नियुक्ति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि सरकार अंतिम समय पर क्या फैसला लेती है और क्या जल्द ही यूपी को स्थायी डीजीपी मिल पाएगा या फिर कार्यवाहक व्यवस्था ही आगे बढ़ेगी।