यूपी के टाइगर के नाम से मशहूर मनकापुर नरेश राजा आनंद सिंह ने रविवार को लखनऊ स्थित अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी आयु 87 वर्ष थी। राजा आनंद सिंह पिछले कुछ समय से अस्पताल में भर्ती थे उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कैसा रहा राजनीतिक सफर ?
राजनीतिक सफर की बात करें तो राजा आनंद सिंह 1970 से लेकर 1989 तक चार बार गोंडा जिले से सांसद थे। साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी जब उन्हें कृषी मंत्री बनाया गया। राजा आनंद सिंह सपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों से जुड़े रहे। देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी उन्हें यूपी का टाइगर कहके बुलाया करतीं थीं।
जमीनी नेता थे राजा आनंद सिंह
राजा आनंद सिंह राजनीति के साथ-साथ ग्राउंड पर भी काफी एक्टिव रहते थे। किसानों से जुड़े मुद्दे पर वे शुरू से ही मुखर रहते थे और दो टुक अपनी बात कहते और मुद्दे उठाते थे। उनके समर्थक उन्हें राजा साहब कहकर बुलाया करते थे। राजनीति में पकड़ ऐसी थी कि किस नेता को टिकट देना है किसका काटना है वो खुद तय कर दिया करते थे।
तीन बजे निकलेगी अंतिम यात्रा
राजा आनंद सिंह की अंतिम यात्रा 7 जुलाई दोपहर 3 बजे निकाली जाएगी, उनके बेटे और विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर शोक जताया लिखा कि- यह मेरे जीवन की अपूरणीय क्षति है।