लखनऊ : योगी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2017-18 में 88,967 करोड़ रुपये था निर्यात, जो 2023-24 में दोगुना से अधिक बढ़कर 1,70,340 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह बड़ी उपलब्धि प्रदेश की निर्यात नीतियों, उद्योग संरचना सुधार और वैश्विक बाजार में यूपी उत्पादों की बढ़ती मांग का परिणाम है।
प्रदेश के उत्पादों का निर्यात 100 से अधिक देशों को होता है, जिनमें अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, ब्रिटेन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड और चीन प्रमुख हैं। इलेक्ट्रिकल मशीनरी, कपड़ा, कालीन, चमड़ा, फार्मा, ऑटोमोबाइल, प्लास्टिक और फर्टिलाइज़र उत्पादों की मांग में खास बढ़त हुई है। इलेक्ट्रिकल मशीनरी का निर्यात 4,056 करोड़ से बढ़कर 38,756 करोड़ रुपये हो गया है, जो सबसे अधिक वृद्धि दर्शाता है।
एमएसएमई सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि प्रदेश ने देश के शीर्ष निर्यातक राज्यों में अपनी जगह पक्की कर ली है। ऑटोमोबाइल का निर्यात 18,505 करोड़, फार्मा 14,053 करोड़, कालीन 5,516 करोड़, और वस्त्र 4,352 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
योगी सरकार निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए नई निर्यात नीति तैयार कर रही है। इसमें उत्पाद प्रमाणीकरण लागत पर 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी, ज़िलों में निर्यात हब विकास, एक जिला-एक उत्पाद योजना का विस्तार, लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, और निर्यातकों के लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम शामिल हैं। ये कदम प्रदेश के उद्योग और व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में सहायक होंगे।इस तरह उत्तर प्रदेश निर्यात के क्षेत्र में न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।