Monalisa Fraud News. मोतिहारी जिले में एक और अजीब और हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें आवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए फर्जी आवेदन किया गया था। इस बार मामला और भी दिलचस्प है क्योंकि आवेदक कोई जानवर या व्यक्ति नहीं बल्कि एक ‘वाहन’ है। इस फर्जी आवेदन में भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा की फोटो का इस्तेमाल किया गया है, जो विभाग और प्रशासन के लिए चौंकाने वाली बात है।
दरअसल, इस फर्जी आवेदन में आवेदक का नाम ‘सोनालिका ट्रैक्टर’ रखा गया है, जिसका पिता का नाम ‘स्वराज ट्रैक्टर’ और माता का नाम ‘कार देवी’ लिखा गया है। यह पूरी तरह से एक मजाक था, जो आवासीय प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए किया गया था। जब आवेदन की जांच की गई तो विभाग में हड़कंप मच गया।
डीएम के आदेश के बाद इस मामले की गहन जांच की गई, और यह पाया गया कि यह आवेदन पूरी तरह से फर्जी था। जांच में यह भी सामने आया कि भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा की फोटो का इस्तेमाल इस आवेदन में किया गया था, जो कि न केवल फर्जी था बल्कि एक गंभीर कानूनी उल्लंघन भी था। इसके बाद मोतिहारी पुलिस अधीक्षक ने मामले का संज्ञान लिया और कोटवा थाने को निर्देश दिया कि इस फर्जी आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
इसके साथ ही जिला स्तर से सभी अंचलाधिकारियों को एक स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अगर RTPS पर किसी भी प्रकार के गलत ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होते हैं, तो उन्हें तत्काल रिजेक्ट कर दिया जाए। साथ ही ऐसे आवेदकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। प्रशासन ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर इस प्रकार का फर्जी आवेदन करता है, तो उस पर गंभीर आरोप लगाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
कोटवा में एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें जानबूझकर गलत जानकारी दी गई थी। अंचलाधिकारी ने तुरंत उस आवेदन को रिजेक्ट कर दिया और अब उस फर्जी आवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले पटना के मसौढ़ी में भी एक फर्जी आवास प्रमाण पत्र का मामला सामने आया था, जब कुत्ते के नाम पर आवास प्रमाण पत्र बनाने की कोशिश की गई थी। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या से प्रशासन में चिंता बढ़ गई है, और अब इस प्रकार के फर्जी आवेदनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले में प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार के फर्जी आवेदन केवल विभाग की छवि को ही नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि यह सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग भी करते हैं। ऐसे आवेदनों की जांच और उन पर कार्रवाई करना आवश्यक है, ताकि सच्चे और योग्य आवेदकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और विभागीय जांच के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस प्रकार के फर्जी आवेदनों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।