लखनऊ में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए मान्यवर कांशीराम जी के नाम पर बने जिलों, मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों से उनके नाम हटाने का काम किया। असीम अरुण ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने सत्ता में रहते हुए दलित समाज का सम्मान नहीं किया और अब सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बाबा साहब और कांशीराम जी की बात कर रहे हैं।
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि जब अखिलेश के पास मुख्यमंत्री की कलम थी, तब उन्होंने केवल अपमान करने का कार्य किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लखनऊ के भाषा विश्वविद्यालय और सहारनपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से कांशीराम जी का नाम हटाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अखिलेश को आज बाबा साहब और कांशीराम जी की याद क्यों आ रही है, जबकि उन्होंने पहले कभी सम्मान नहीं दिया।
‘जनता समझ चुकी है छल-कपट’
असीम अरुण ने कहा कि जनता अब अखिलेश यादव के छल-कपट को समझ चुकी है और आज समाज वास्तविक कार्यों को ही महत्व देता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार समाज के सशक्त निर्माण और हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है।
जब हाशिए पर आए, तब अनुसूचित वर्ग की याद आई
असीम अरुण ने कहा कि अखिलेश यादव को अब अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों की याद इसलिए आ रही है क्योंकि जनता ने उन्हें हाशिए पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि आज मान्यवर कांशीराम जी की पुण्यतिथि है, इस अवसर पर मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम जी ने जो सामाजिक न्याय की नींव रखी थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ा रहे हैं। असीम अरुण ने यह भी कहा कि बहन मायावती ने भी मोदी और योगी सरकार की सराहना की है कि उन्होंने स्मारकों के रखरखाव और कार्यक्रमों के आयोजन को महत्व दिया।
अंत में मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर हर वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित है, विशेषकर अनुसूचित जाति समुदाय के लिए। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीतिक चालें अब जनता पर असर नहीं डालेंगी क्योंकि समाज वास्तविक काम और विकास को ही देख रहा है।