मिल्कीपुर सीट बीजेपी और सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। सपा ने 2022 के चुनाव में यह सीट जीती थी और अवधेश प्रसाद विधायक चुने गए थे। अवधेश अब सांसद हो गए हैं ऐसे में सपा उपचुनाव में मिल्कीपुर सीट गंवाना नहीं चाहती तो बीजेपी इसे हर हाल में अपने पाले में करना चाहती है। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। पांच फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने फैजाबाद के लोकसभा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव खेला है, वही भारतीय जनता पार्टी ने जिलापंचायत प्रतिनिधि चंद्रभान पासवान को टिकट देकर बड़ी सियासी उलटफेर की है। कांग्रेस और बसपा ने उपचुनाव से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, जिसके चलते यहां पर सीधे सपा बनाम बीजेपी का मुकाबला है।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सपा ने अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है, जो पासी समुदाय से आते हैं। मिल्कीपुर सीट पर पासी वोटों के सियासी समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने भी पासी समाज के नेता पर ही दांव लगाया है। बीजेपी के टिकट के लिए जिन नेताओं ने दावेदारी कर रखी थी, उसमें ज्यादातर पासी समाज से ही लोग थे। इसीलिए मिल्कीपुर उपचुनाव सिर्फ सपा बनाम बीजेपी ही नहीं बल्कि पासी बनाम पासी का भी अखाड़ा बन गया है।

ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या बीजेपी की इस सियासी उलटफेर से मिल्कीपुर के नतीजों से परसेप्शन बदल जाएगा। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से सत्ता पर भले ही कोई असर न पड़े, लेकिन जीत-हार के सियासी निहितार्थ कई मायने में अहम है। इसी में पक्ष-विपक्ष पहले से ही ताकत लगाए हुए हैं। बीजेपी की नजर यह सीट जीतकर 2024 में अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली करारी शिकस्त का जख्म भरने पर है, क्योंकि सपा ने लोकसभा सीट जीतने के बाद बीजेपी पर सवाल खड़े किए थे।

मिल्कीपुर के विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने राममंदिर के लोकार्पण के कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में अयोध्या से जीत दर्ज कर पूरे देश को तो चौंकाया ही था बल्कि यूपी समेत केंद्र तक हलचल मचा दी थी। विपक्ष के भी जहन में ये बात कहीं न कहीं आई ही होगी कि बीजेपी के दबदबे वाली अयोध्या की फैजाबाद सीट से उसे उखाड़ फेकना कठिन नहीं। शायद इसी हार का बोझ बीजेपी के लिए इतना भारी रहा कि केंद्र में उसकी लगातार तीसरी पारी का जश्न भी फीका पड़ गया था। इसके बाद से ही अवधेश प्रसाद सपा सहित विपक्ष के ‘पोस्टर बॉय’ बन गए। लेकिन बीजेपी के चंद्रभान पासवान को टिकट देने के बाद से अब मिल्कीपुर में घमासान थोड़ा अलग देखने को मिलने वाला है। सियासी तराजू पर अब मुकाबला बराबरी का देखने को मिल सकता है।

शेयर करना
Exit mobile version