मासिक दुर्गाष्टमी 2024: अष्टमी तिथि जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है, उसे दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। यह दिन पूरी तरह से माँ दुर्गा को समर्पित है और भक्तजन अपार भक्ति और शुद्ध इरादों के साथ दुर्गा माँ की पूजा करते हैं। मासिक दुर्गा अष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है। इस महीने यह आषाढ़ महीने में यानि 12 अक्टूबर को पड़ेगा। 14 जुलाई, 2024.
मासिक दुर्गाष्टमी 2024: तिथि और समय
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – 13 जुलाई 2024 – 03:05 PM
अष्टमी तिथि समाप्त – 14 जुलाई 2024 05:25 PM
मासिक दुर्गाष्टमी 2024: महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी का हिंदुओं में बहुत बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है, जो शक्ति, ताकत, साहस और दिव्य स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिन्हें शक्ति कहा जाता है। देवी दुर्गा हर जगह मौजूद हैं – प्रकृति से लेकर प्रकाश तक, इस ब्रह्मांड में हर जगह दिव्य ऊर्जा है। दिव्य ऊर्जा के बिना कोई जीवन नहीं है।
अष्टमी तिथि देवी गौरी को समर्पित है। भक्त सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं। फिर शाम को अपना उपवास तोड़ते हैं और व्रत के लिए सुझाए गए सात्विक भोजन करते हैं। इस व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और इस शुभ दिन पर तामसिक भोजन खाने से बचें।
देवी दुर्गा की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, जीवन में शांति आती है। इससे भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान भी आता है।
मासिक दुर्गाष्टमी 2024: पूजा अनुष्ठान
सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें। पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले अपने घर और पूजा कक्ष को साफ करें। एक लकड़ी का तख्त लें और उस पर देवी दुर्गा की मूर्ति रखें। देसी घी का दीया जलाएं और मां दुर्गा को गुड़हल का फूल चढ़ाएं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। भक्त अगरबत्ती का भी उपयोग कर सकते हैं। देवी दुर्गा को सफेद मिठाई, सूखे मेवे और पांच मौसमी फल चढ़ाएं। देवी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न देवी मंत्रों का जाप करें। कष्टों से मुक्ति पाने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। दुर्गा मंदिर जाएं, देवी को श्रृंगार अर्पित करें और आशीर्वाद लें।
दुर्गा मंत्र
1. ॐ जयंती मंगला काली भद्रा काली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते..!!
2. सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरभ्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..!!
3. सर्व बाधा विनिर्मुक्तो धन धन्ये सुतान्विताः मनुष्यो मत प्रसादेन भविष्यति न संशयः !!
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