आरईए इंडिया और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आवासीय संपत्तियों की मजबूत मांग के कारण इस वर्ष मार्च में 13 प्रमुख शहरों का आवास मूल्य सूचकांक वर्ष-दर-वर्ष आठ अंक बढ़कर 132 हो गया।
हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (एचपीआई), आरईए इंडिया के रियल एस्टेट क्लासीफाइड प्लेटफॉर्म हाउसिंग.कॉम और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के बीच एक संयुक्त पहल है, जो 13 शहरों में मूल्य रुझानों पर नज़र रखती है।
ये हैं अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नोएडा और पुणे
इस वर्ष मार्च में सूचकांक 8 अंकों की मामूली वृद्धि के साथ 132 पर पहुँच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 124 पर था। हालाँकि, इस वर्ष फरवरी की तुलना में सूचकांक स्थिर रहा। जनवरी 2025 में सूचकांक 131 अंकों पर था।
आरईए इंडिया (हाउसिंग डॉट कॉम) के सीईओ प्रवीण शर्मा ने कहा, “भारतीय आवास बाजार इस समय स्वस्थ समेकन के दौर से गुजर रहा है। प्रमुख शहरों में कीमतों में लंबे समय तक बढ़ोतरी के बाद, अब हम कीमतों में एक स्वागत योग्य स्थिरता देख रहे हैं। कीमतों में यह स्थिरता, जहाँ सतर्क बाजार धारणा और आपूर्ति-पक्ष समायोजन को दर्शाती है, वहीं यह अधिक टिकाऊ विकास की नींव भी रख रही है।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह प्रवृत्ति निकट भविष्य में भी जारी रहेगी, जिससे अधिकाधिक अंतिम उपभोक्ता बाजार में वापस आने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
शर्मा ने कहा, “इसके साथ ही, हाल ही में ब्याज दरों में कटौती के कारण सामर्थ्य में सुधार तथा आय वृद्धि और जीवनशैली संबंधी आकांक्षाओं जैसे मजबूत मांग कारकों के कारण हम आवास क्षेत्र के दीर्घकालिक लचीलेपन के बारे में आशावादी बने हुए हैं।”
आईएसबी में अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति के सहायक प्रोफेसर शेखर तोमर ने कहा कि मूल्य स्थिरता एक अधिक परिपक्व और संतुलित आवास बाजार की ओर इशारा करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की शुरुआत में मूल्य स्थिरीकरण वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों, सतर्क खरीदार भावना और कम लॉन्च के परस्पर प्रभाव को दर्शाता है