Health News। क्या आपको अकसर हड्डियों में दर्द, थकान या पैरों में झनझनाहट महसूस होती है? अगर हां, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है। विशेषज्ञों के अनुसार, शहरी महिलाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। बढ़ती उम्र, बदलती जीवनशैली और गलत खानपान इसके प्रमुख कारण हैं।

बचपन से ही शुरू हो जाती है परेशानी

डॉक्टरों का कहना है कि कैल्शियम की कमी की जड़ें बचपन से ही शुरू हो जाती हैं। आजकल बच्चों को पर्याप्त धूप नहीं मिलती। बाहर खेलने की आदत खत्म हो चुकी है और विटामिन-डी की कमी के कारण शरीर कैल्शियम को सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाता।

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर बताती हैं कि आज की जीवनशैली और खानपान की आदतें कैल्शियम की कमी का बड़ा कारण हैं। बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट और जेनेटिकली मॉडिफाइड अनाज जैसे गेहूं का ज़्यादा सेवन भी शरीर में कैल्शियम की मात्रा को प्रभावित कर रहा है, वे कहती हैं।

महिलाएं क्यों ज्यादा होती हैं शिकार?

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव (जैसे गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति) और आयरन व कैल्शियम से भरपूर आहार की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शारीरिक गतिविधियों की कमी और अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड भी हड्डियों की सेहत पर असर डालते हैं।

कैल्शियम की कमी के लक्षण

जोड़ों या हड्डियों में दर्द
मांसपेशियों में अकड़न या झटके
नाखूनों का टूटना
जल्दी थकान महसूस होना
बच्चों में पैरों में दर्द और कमजोर हड्डियां

कैसे पूरी करें कैल्शियम की जरूरत?

प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट धूप में बैठें
आहार में हरी सब्जियां, रागी, तिल, बादाम और सोया शामिल करें
जरूरत पर डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम सप्लीमेंट लें
बच्चों को मोबाइल की जगह खुले मैदान में खेलने को प्रोत्साहित करें
विटामिन-डी की जांच कराना न भूलें

अपने शरीर का हमेशा ध्यान रखें

कैल्शियम की कमी केवल दवाओं से पूरी नहीं होती। सही खानपान, भरपूर धूप और सक्रिय जीवनशैली जरूरी है। समय रहते अगर इस ओर ध्यान न दिया गया, तो भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के फ्रैक्चर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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