बरेली: आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रेस को जारी किये गये बयान में कहा कि खुदा की इबादत (पूजा स्थल) करने की जगह मस्जिद है और मस्जिद का इस्लाम मे महत्वपूर्ण स्थान है, मुसलमानो के ऊपर फ़र्ज़ कि गयी नमाज पांच वक्त मस्जिद में ही पढ़ने के लिए जाता है, जब बंदा (व्यक्ति) मस्जिद पहुंचता है तो दुनिया के तमाम झमेलो से बे नियाज़ होकर खुदा कि इबादत में मसरूफ (व्यस्त) हो जाता है, फिर वहां पर उसको दुनिया कि राजनीतिक बातो का कोई महत्व नही रह जाता और न ही उसको इस बात का अधिकार इस्लाम ने दिया है कि वो दुनिया कि बाते करे।
मौलाना ने मीडिया को एक फोटो दिखाते हुए कहा कि मस्जिद स्थित पार्लियामेंट स्ट्रीट नई दिल्ली जिसके इमाम रामपुर के संसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी हैं, मौलाना नदबी मस्जिद के बीचों बीच सहन मे बैठे हुए है और समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं, इस मीटिंग में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आजमगढ़ से संसद धर्मेंद्र यादव, सम्भल के संसद जियाउर्रहमान बर्क और चार से पांच हिंदू सपा लीडर के साथ ही दो महिलाएं भी बैठी हुए देखी जा सकती हैं।
मस्जिद मे समाजवादी पार्टी की मीटिंग करना निहायत ही खतरनाक बात है और ये मस्जिद की तकाबूस व पाकीज़गी (पवित्रता) और गरिमा के खिलाफ है। मस्जिद मे राजनीतिक बाते, राजनीतिक पार्टीयों की मीटिंगे और राजनीतिक भाषण मुस्लिम कौम बर्दाश्त नही कर सकती।
मौलाना ने सख्त लहजे मे कहा कि मोहिबुल्लाह नदवी ने समाजवादी पार्टी के हिंदू नेताओं को मस्जिद मे बैठाकर मीटिंग करके बहुत बड़े पाप का काम किया है, शरीयत की नजर मे ये मुजरिम है। मस्जिद कमेटी के लोगों से मेरा मुतालबा है कि मोहिबुल्लाह नदवी को मस्जिद कि इमामत से हटाया जाये और नदवी अपने किये गये इस जुर्म पर मुस्लिम कौम से माफी मांगे, वरना बड़े स्तर पर नदबी के खिलाफ मस्जिद की तौहीन करने पर मोर्चा खोला जायेगा।
मौलाना ने आगे यह भी बताया कि भविष्य मे इनको ये तय करना होगा कि मस्जिद की तौहीन नही करेंगे, यह भी स्पष्ट करना होगा कि भविष्य मे समाजवादी पार्टी की मीटिंग मस्जिद मे नही करेंगे, और तौबा करके मुस्लिम कौम से माफी मांगना होगी। अन्यथा पूरे देश मुस्लिम नौजवान, मुस्लिम संगठन, और धार्मिक उलमा नदवी के खिलाफ आंदोलन चलाने पर मजबूर होंगे।