बरसाना के थाना क्षेत्र के कमई करहेला रोड पर एक साधु की हत्या का मामला सामने आया है। 50 वर्षीय साधु रामदास उर्फ बिहारी का शव सोमवार रात को आश्रम के समीप स्थित जंगल में पाया गया। बताया जा रहा है कि वह पिछले 20 वर्षों से इस आश्रम में रह रहे थे और राधारमण दास के शिष्य थे। साधु का शव खेत में मिला, और उनके सिर पर धारदार हथियार से हमला किया गया था, साथ ही उनके गुप्तांग पर भी वार किए गए थे।
मृतक रामदास उर्फ बिहारी का सोमवार रात विवाद सेवानिवृत्त फौजी प्रताप सिंह से हुआ था, जो आश्रम के स्वामित्व को लेकर रामदास के साथ झगड़ा कर रहा था। इस घटना से पहले, रामदास ने बरसाना थाने में तहरीर भी दी थी, लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह सवाल उठता है कि अगर पुलिस समय पर कदम उठाती, तो शायद रामदास की जान बच सकती थी।
घटना का विवरण:
रामदास उर्फ बिहारी बिहार के छपरा से 25 साल पहले बरसाना आए थे और राधारमण दास के शिष्य बन गए थे। उसी समय से उन्होंने मंदिर की पूजा की जिम्मेदारी संभाल ली थी। राधारमण दास के अनुसार, प्रताप सिंह आश्रम पर कब्जा करना चाहता था। पिछले साल प्रताप सिंह ने 15 दिन आश्रम में बिताए थे और दोनों के बीच इस मुद्दे पर कई बार तनाव बढ़ चुका था। मंगलवार सुबह शव मिलने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुजारी गुरु राधारमण दास ने कहा कि वह पिछले पांच साल से प्रताप सिंह को जानते थे, और इस विवाद के कारण वह तनावपूर्ण स्थिति में थे।
पुलिस का जवाब
पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हत्या के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है, लेकिन आश्रम के स्वामित्व को लेकर यह हत्या हो सकती है, ऐसी आशंका जताई जा रही है।