अखिलेश यादव के करीबी घोसी से समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय पर सराय लखसी थाने में केस दर्ज किया गया है। दरअसल, बात ये है कि राजीव राय मरीजों की शिकायत पर अस्पताल का निरीक्षण करने गए थे। यहां उन्होंने ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों से अस्पताल से गायब होने की बात पूछी थी। इसी पर डॉ. सौरभ त्रिपाठी सांसद पर बिफर गए और उनसे बहसबाजी करना शुरू कर दिया इसी के बाद अब उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर केस भी दर्ज करा दिया है। बता दें राजीव राय मरीजों की शिकायत पर जिला अस्पताल गए थे। निरीक्षण को दौरान तीन डॉक्टर नदारद थे, वहीं मौके पर चार दलाल भी मिले थे।
FIR दर्ज होने के बाद अब डॉ सौरभ त्रिपाठी का पक्ष भी सामने आया है। डॉ सौरभ त्रिपाठी ने कहा है की मैंने सांसद के खिलाफ FIR के लिए कोई भी तहरीर नहीं दी है। उन्होंने SP को पत्र लिखकर सांसद मऊ पर दर्ज हुई FIR हटाने की मांग की है और इस सम्बन्ध में एक पत्र भी लिखा है। अब यह पत्र सोशल मिडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल पुलिस पर उठ रहा है। पुलिस की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा रही है। किसी गरीब के साथ कोई घटना होती है तो यह पुलिस उस मामले में इतनी तत्परता दिखाते हुए कभी मुकदमा पंजीकृत नहीं करती है। उस गरीब को अपने न्याय के लिए मिडिया और बड़े अधिकारीयों का सहारा लेना पड़ता है तब कही जाके ये थानेदार मुकदमा पंजीकृत करते है।
लेकिन एक सांसद और डॉक्टर के मामले में इतनी बड़ी लापरवाही जिसका कोई जवाब नहीं है। बिना एप्लीकेशन दिए ही सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जब यह जानकारी डॉक्टर को मिली तो वह स्वतः ही थानेदार और जिले के कप्तान को सूचना दी कि जब मैंने सांसद के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी तब ये मुकदमा कैसे दर्ज हो गया है।
थानाध्यक्ष सराय लखसी को सूचना देते हुए डॉ. सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि मेरे द्वारा सांसद के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी गयी थी, जो मामला हुआ था उसमे हमने अपनी सफाई अपने विभाग को दे थी। अब पुलिस की इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है। क्या सांसद से कोई पुराना मामला था की जो बिना तहरीर मिले ही मुकदमा दर्ज कर ली। फिलहाल यह जांच का विषय है उसके उपरांत ही पता लग पायेगा किसकी तहरीर पर सांसद राजीव राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।