नई दिल्ली: मर्कम की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2025 के कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में 3.8 गीगावॉट (GW) सोलर ओपन एक्सेस क्षमता जोड़ी, जो 2024 की पहली छमाही में 3.9 GW से लगभग 4% कम है।
दूसरी तिमाही (Q2) 2025 में देश ने 2.7 GW सोलर ओपन एक्सेस क्षमता जोड़कर इंस्टॉलेशन में सुधार दिखाया। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की पहली छमाही में ओपन एक्सेस डेवलपर्स ने अनुमोदन सूची के पुनः लागू होने से पहले तेजी से परियोजनाएँ पूरी की थीं। जबकि 2025 की पहली छमाही में कनेक्टिविटी अनुमोदन में देरी और सीमित ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण परियोजनाओं में थोड़ी गिरावट आई।
Q2 में महाराष्ट्र का दबदबा
दूसरी तिमाही में महाराष्ट्र ने सोलर ओपन एक्सेस इंस्टॉलेशन्स में अग्रणी भूमिका निभाई, और कुल इंस्टॉलेशन्स का 30% हिस्सा लिया। जून 2025 तक देश की कुल सोलर ओपन एक्सेस क्षमता 24.6 GW तक पहुँच गई।
कुल इंस्टॉलेशन्स में कर्नाटक 24% हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर रहा, उसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु क्रमशः 18% और 12% हिस्सेदारी के साथ हैं।
मर्कम के अनुसार, जून 2025 तक निर्माणाधीन और प्री-कंस्ट्रक्शन चरण में सोलर ओपन एक्सेस परियोजनाओं की पाइपलाइन 31 GW से अधिक थी।
रूफटॉप सोलर में तेज़ी
2025 की पहली छमाही में देश ने 2.8 GW रूफटॉप सोलर क्षमता जोड़ी, जो 2024 की पहली छमाही के 1.1 GW के मुकाबले 158% अधिक है।
Q2 2025 में भारत ने 1.6 GW रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन की, जो Q1 2025 की 1.2 GW से 33% अधिक है। वर्ष-दर-वर्ष तुलना में Q2 2024 के 731 मेगावाट के मुकाबले यह वृद्धि 121% से अधिक रही।
रूफटॉप सोलर में वृद्धि का मुख्य कारण लंबित पंजीकरणों की मंजूरी, नई प्रणालियों का कमीशन और पीएम सूर्यगृह पोर्टल में सुधार रहा।
दूसरी तिमाही में इंस्टॉलेशन्स का नेतृत्व आवासीय सेक्टर ने किया, जिसमें कुल इंस्टॉलेशन्स का 74% योगदान रहा। इसके बाद औद्योगिक सेक्टर का 19%, वाणिज्यिक सेक्टर का 6% और सरकारी सेक्टर का लगभग 0.5% हिस्सा रहा।
जून 2025 तक देश में कुल रूफटॉप सोलर क्षमता 16.5 GW हो गई। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश कुल इंस्टॉल्ड रूफटॉप सोलर क्षमता में शीर्ष राज्यों में शामिल हैं।