नई दिल्ली- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2025 में शुद्ध FDI में ₹3.95 बिलियन का रिकॉर्ड निवेश किया, जो पिछले 35 महीनों में सबसे अधिक है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में दो गुना अधिक है।
अप्रैल 2025 में भारत को कुल $8.80 बिलियन का कुल FDI मिला, जो 39 महीनों में सबसे अधिक था और साल दर साल 23% अधिक था। ये आंकड़े भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल के रूप में मजबूती से स्थापित करते हैं।
FDI में वृद्धि के पीछे PLI योजना का बड़ा योगदान
RBI के मुताबिक, निर्माण और व्यापार सेवाओं में निवेश ने अप्रैल में कुल FDI inflow का आधे से ज्यादा हिस्सा बनाया। इसके साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग और व्यापार सेवाओं में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी को PLI योजना के सकारात्मक प्रभाव का परिणाम माना जा रहा है।
शुद्ध FDI में गिरावट के बावजूद, भारत बना आकर्षक निवेश स्थल
2024-25 में शुद्ध FDI $2.29 बिलियन रहा, जो 2023-24 के मुकाबले 77% कम था। हालांकि, अप्रैल में FDI inflows ने भारत की आर्थिक मजबूती और निवेश आकर्षण को फिर से उजागर किया।
RBI ने यह भी कहा कि FDI repatriation (विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी निकासी) का बढ़ना, एक स्थिर और परिपक्व बाजार का संकेत है, जहां निवेशक आराम से प्रवेश और निकासी कर सकते हैं।
विदेशों में अध्ययन पर खर्च में गिरावट
वहीं, LRS (Liberalised Remittance Scheme) के तहत भारतीयों द्वारा विदेश में पढ़ाई के लिए भेजी गई राशि में 21% की गिरावट आई है। अप्रैल में विदेश में अध्ययन पर खर्च $164 मिलियन रहा, जो पिछले साल की तुलना में कम था। यह गिरावट अब नौवें महीने में देखी जा रही है।
प्रमुख बिंदु:
- अप्रैल 2025 में FDI inflows में 23% की सालाना वृद्धि
- भारत में FDI का शुद्ध निवेश $3.95 बिलियन
- FDI repatriation को बढ़ने का संकेत
- विदेश में अध्ययन पर खर्च में गिरावट, खासकर अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए वीजा घटे