नई दिल्ली : CBRE की रिपोर्ट के अनुसार, भारत एशिया-पैसिफिक (APAC) क्षेत्र में तीसरे-पक्ष लॉजिस्टिक्स (3PL) कंपनियों के लिए सबसे आकर्षक विस्तार बाजार बनता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 70% 3PL कंपनियां अगले दो वर्षों में अपने संचालन को भारत में बढ़ाने की योजना बना रही हैं।

3PL कंपनियों की भूमिका
3PL कंपनियां अपने ग्राहकों की पूरी सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स संचालन संभालती हैं, जिससे ग्राहक अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। CBRE के चेयरमैन और CEO, अंशुमान मैगजीन के अनुसार, भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि और वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच लचीलापन इसे APAC-आधारित 3PL निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।

भंडारण और पोर्टफोलियो विस्तार
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 80% भारतीय 3PL कंपनियां अगले दो से पांच वर्षों में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार 10% से अधिक करने की योजना बना रही हैं। ई-कॉमर्स, क्विक-कॉमर्स और नॉन-टियर-I बाजारों के विकास के कारण मांग में बढ़ोतरी इसे आवश्यक बना रही है।

भविष्य के लिए तैयार गोदाम और तकनीकी अपनाना

  • लगभग 76% 3PL कंपनियां अब अपने लॉजिस्टिक्स संचालन में वेयरहाउस मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर (WMS) को अपना रही हैं।
  • IoT सेंसर, कंवियर और सॉर्टेशन सिस्टम, गूड्स-टू-पर्सन पिकिंग सिस्टम जैसी तकनीकों को अपनाना बढ़ रहा है।
  • AS/RS और रोबोटिक आर्म / कोबोट्स का उपयोग बढ़ रहा है, ताकि त्रुटियां कम हों, इन्वेंट्री मैनेजमेंट बेहतर हो और थ्रूपुट बढ़े।

लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट पर प्रभाव
2021-2025 के बीच 3PL कंपनियां “बिग-बॉक्स” लीजिंग (>1,00,000 वर्ग फुट) की मुख्य ड्राइवर रहीं। दिल्ली-एनसीआर देश का सबसे बड़ा 3PL हब बन गया है (25%), इसके बाद मुंबई (24%) और बेंगलुरु (16%) का स्थान है। शीर्ष छह शहरों में चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद शामिल हैं, जो कुल 3PL लीजिंग का लगभग 70% प्रतिनिधित्व करते हैं।

भविष्य की दिशा
भारत में 3PL कंपनियों की सक्रियता और तकनीकी अपनाने से लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर में भविष्य-तैयार समाधान तेजी से बढ़ेंगे, जो ई-कॉमर्स, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग की मांग को पूरा करने में मदद करेंगे।

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