विश्व ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट (WAVE) समिट से एक महीना पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि भारत को वैश्विक स्तर पर कंटेंट और क्रिएटिव इंडस्ट्रीज़ का केंद्र बनाना है। सरकार की योजना है कि भारत को “कंटेंट सबकॉन्टिनेंट” के रूप में स्थापित किया जाए।
अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ‘ऑरेंज इकॉनमी’ – यानी मीडिया, एंटरटेनमेंट, गेमिंग, डिजिटल कंटेंट और गिग इकॉनमी जैसे रचनात्मक क्षेत्रों – को मजबूती देने के निर्देश दिए गए। मई में मुंबई में होने वाला WAVE समिट इस दिशा में एक अहम लॉन्चपैड होगा।
PM मोदी ने CNN-News18 के ‘Rising Bharat Summit 2025’ में कहा, “भारत ने फिल्मों, पॉडकास्ट, ओटीटी और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है। यह एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और सरकार WAVE के माध्यम से कंटेंट क्रिएटर्स को प्रोत्साहित करेगी।”
सरकार AI आधारित कंटेंट निर्माण, बौद्धिक संपदा सुरक्षा, और डिजिटल उद्यमियों को बढ़ावा देने वाले नियम तैयार कर रही है। “Create in India” पहल के ज़रिए भारतीय रचनात्मकता को वैश्विक मंच मिलेगा।
इसके तहत कई रिएलिटी शोज़ और प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं – जिनमें संगीत, लोकबैंड, ड्रोन डिज़ाइन और सामुदायिक रेडियो पर फोकस है। फाइनल प्रतियोगिता मुंबई में होगी।
सरकार का उद्देश्य टियर-2 और टियर-3 शहरों को एनीमेशन, गेमिंग और OTT प्रोडक्शन के हब में बदलना है। मुंबई में क्रिएटिव ट्रेनिंग के लिए अत्याधुनिक संस्थान भी बनने की योजना है।
PMO का मानना है कि यह केवल आर्थिक योजना नहीं, बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर और डिजिटल भविष्य में निवेश है।