केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया की “डेटा राजधानी” बनने जा रहा है। वह CII एनुअल बिजनेस समिट 2025 में बोल रहे थे।
“भारत को आज पूरी दुनिया एक डिजिटल-फर्स्ट इकोनॉमी के रूप में देख रही है। इस डिजिटल क्रांति का नेतृत्व टेलीकॉम सेक्टर कर रहा है,” — ज्योतिरादित्य सिंधिया, संचार मंत्री
1.2 अरब मोबाइल यूजर्स, 940 मिलियन ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स
सिंधिया ने बताया कि भारत की टेलीकॉम सब्सक्राइबर बेस पिछले एक दशक में 800 मिलियन से बढ़कर 1.2 बिलियन हो गई है, जिससे भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट बन चुका है। वहीं ब्रॉडबैंड यूजर बेस भी 940 मिलियन तक पहुंच चुका है।
डेटा दरों में 97% की गिरावट
मंत्री ने याद किया कि एक समय था जब मोबाइल कॉल दरें ₹16 प्रति मिनट तक थीं। लेकिन आज के दौर में न सिर्फ हैंडसेट की कीमतों में भारी गिरावट आई है, बल्कि डेटा कनेक्टिविटी की कीमतें भी बेहद कम हो गई हैं।
“11 साल पहले 1 जीबी डेटा ₹287 का मिलता था, जो आज ₹9 में उपलब्ध है। यह 97% की कमी को दर्शाता है,” — सिंधिया
वैश्विक तुलना में भारत सबसे सस्ता डेटा प्रदान करता है
उन्होंने बताया कि भारत में डेटा की लागत अब दुनिया की औसत कीमत का सिर्फ 5% है, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती डेटा मार्केट बनाता है। इससे भारत न केवल अपने नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
भारत में डिजिटल सेवाओं की पहुंच, सस्ती कनेक्टिविटी और व्यापक टेलीकॉम नेटवर्क ने इसे दुनिया की सबसे तेजी से उभरती डेटा अर्थव्यवस्था बना दिया है। अगले 5 वर्षों में भारत का डेटा प्रभुत्व वैश्विक स्तर पर एक नया मुकाम तय कर सकता है।