India Foreign Investment 2025: भारत विदेशी निवेशकों के लिए एक बार फिर पसंदीदा बाजार बनकर उभरा है। BofA सिक्योरिटीज की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एशिया के उन शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा, जहां विदेशी निवेश की आवक सबसे अधिक देखने को मिल सकती है।
BofA के ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट्स फिक्स्ड इनकम स्ट्रैटजी हेड डेविड हॉउनर ने रॉयटर्स को बताया कि “भारत के पास ऐसे कई आर्थिक ग्रोथ ड्राइवर्स हैं, जो अन्य एशियाई बाजारों में नहीं हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं के खत्म होते ही निवेशकों का रुझान भारत की ओर और बढ़ेगा।
भारत के साथ ताइवान और दक्षिण कोरिया को भी विदेशी निवेश आकर्षित करने वाले संभावित बाजारों में शामिल किया गया है।
रुपया और बॉन्ड मार्केट पर उम्मीदें
2025 के अंत तक रुपया 84 प्रति डॉलर तक मज़बूत हो सकता है। अभी यह करीब 85.59 पर है और साल 2024 में 2.9% तक कमजोर हुआ था। हॉउनर का मानना है कि रिज़र्व बैंक डॉलर रिज़र्व इकट्ठा करते हुए रुपये को स्थिर रखने की कोशिश करेगा।
RBI की संभावित ब्याज दर में कटौती और डॉलर में नरमी, भारत के बॉन्ड मार्केट में विदेशी निवेश को आकर्षित कर सकती है। BofA ने यह भी कहा कि भारत के पांच साल के सरकारी बॉन्ड पर उनका भरोसा ज्यादा है और पूरे बॉन्ड कर्व पर यील्ड्स में 25-50 बेसिस प्वाइंट की गिरावट देखी जा सकती है।
अभी निवेशक सतर्क, लेकिन बदलाव संभव
हालांकि, अप्रैल और मई में विदेशी निवेशकों ने भारतीय सरकारी बॉन्ड्स से 320 अरब रुपये से ज़्यादा की निकासी की है। हॉउनर ने इसे “व्यापारिक तनावों को लेकर अनिश्चितता” का नतीजा बताया, लेकिन कहा कि अमेरिका के मनी मार्केट फंड्स में जो पूंजी अटकी है, वह साल के दूसरे हिस्से में भारत की ओर आ सकती है।
RBI पर BofA का अनुमान
BofA Securities का मानना है कि RBI इस साल बाकी बचे महीनों में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की और कटौती कर सकता है। 2025 में अब तक RBI पहले ही 50 bps की कटौती कर चुका है।